'मीट एट आगरा'में एक छत के नीचे दिख रहा है जूता उद्योग में आधुनिकता और इनोवेशन का संगम।


- ‘मीट एट आगरा’ के 15वें संस्करण हुआ हुआ शानदार आगाज।

- 3254 विजिटर्स ने पहले दिन फेयर में किया प्रतिभाग।  

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था के बीच भारत विश्व की ग्लोबल फैक्ट्री के रूप में उभर रहा है। आज हम कह सकते हैं यह भारत की सदी है। यह बात ‘मीट एट आगरा’ के 15वें संस्करण के उद्‌घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रो.एसपी सिंह बघेल ने कहीं। उन्होंने आगरा के लेदर फुटवियर को मिले भौगोलिक संकेत यानि जीआई टैग के लिए उद्यमियों को बधाई भी दी, कहा कि आगरा को लैदर फुटवियर  के साथ आस पास के अन्य उत्पादों को भी जीआई टैग मिलना चाहिए। इससे पहले कार्यक्रम उद्‌घाटन मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री प्रो.एसपी सिंह बघेल,एडीजी पुलिस अनुपम कुलश्रेष्ठ,एफडीडीआई के सचिव एवं प्रबंध निदेशक पंकज सिन्हा, प्रसिद्ध जीआई विशेषज्ञ पद्मश्री डॉ.रजनी कांत द्विवेदी,एलएसएससी के अध्यक्ष पीआर अकील अहमद, एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर , ऑर्गनाजिंग कमेटी के अध्यक्ष गोपाल गुप्ता ने संयक्त रूप से किया। 

इस मौके पर एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि आने वाले सालों में दुनिया भर में फुटवियर के व्यापार में तेजी आने का अंदेशा लगाया जा रहा है,लेकिन दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले भारत का फुटवियर उद्योग कई गुना ज्यादा तेजी से बढ़ेगा, 2030 तक लगभग 13 फ़ीसदी कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट के साथ भारत में फुटवियर उद्योग 8 गुना बढ़ने की उम्मीद है, जबकि फिलहाल विश्व में फुटवियर उद्योग 2.8 फ़ीसदी कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट के साथ बढ़ रहा है जबकि भारत में अभी 9.8 फ़ीसदी कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट के साथ बढ़ रहा है। 

प्रसिद्ध जीआई विशेषज्ञ पद्मश्री डॉ. रजनी कांत द्विवेदी ने आगरा को मिले भौगोलिक संकेत यानि जीआई टैग मिलने पर एफमेक के प्रयासों की सराहना करते हुए इसके उद्योग को क्या लाभ होंगे इस पर प्रकाश डाला। एडीजी पुलिस अनुपम कुलश्रेष्ठ आगरा के जूता उद्योग की वैश्विक पहचान के लिए यहाँ के उद्यमियों की भूमिका को सराहा।     

इस मौके पर एलएसएससी के अध्यक्ष पीआर अकील अहमद ने कहा कि भारत फुटवियर और चमड़े के परिधान का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत में दुनिया की टेनरी का हिस्सा लगभग 3 बिलियन वर्ग फुट है। देश में लगभग 7,000 लघु उद्योग इकाइयां फुटवियर क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था और विदेशी मुद्रा आय के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। 

एफडीडीआई के सचिव एवं प्रबंध निदेशक पंकज सिन्हा ने कहा कि भारत में स्किल की कमी नहीं है हमें अपनी हुनर को निखाकर भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था में सहभागी बनने की जरुरत है। वहीं देश में पांच लाख जोड़ी जूता प्रतिदिन बनाकर दुनियां के सबसे बड़े जूता निर्यातक बने सीआईएफआई के अध्यक्ष वी. नौशाद ने अपने अनुभव साझा करते हुए 1000 जोड़ी के प्रोडक्शन से किस प्रकार 5 लाख जोड़ी प्रतिदिन का लक्ष्य को हासिल के गुर उद्यमियों से साझा किये। कार्यक्रम का सञ्चालन डॉ. तरुण शर्मा ने किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन इफ्कोमा के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने किया ।

पहले दिन पहुंचे 3254 विजिटर्स।

फेयर के पहले दिन कुल 3254 विजिटर पहुंचे। ऑर्गनाजिंग कमेटी के अध्यक्ष गोपाल गुप्ता ने बताया कि इस फेयर में इस बार 220 एग्जीबिटर्स स्टॉल लगे हैं, जिनपर देश के 100 से अधिक ब्रांड्स के उत्पादों का प्रदर्शन हो रहा है। इस एग्जिविशन में आधुनिकता और इनोवेशन पर फोकस किया गया है।  

इनको किया गया सम्मानित।

एक्सीलेंस इन फुटवियर एक्सपोर्ट में तीन जूता निर्यातकों को और एक्सीलेंस इन फुटवियर कम्पोनेंट्स के एक उत्पादक को अवार्ड प्रदान किया गया यह अवार्ड केंद्रीय मंत्री प्रो.एसपी सिंह बघेल ने प्रदान किये।   

एक्सीलेंस इन फुटवियर एक्सपोर्ट। 

गोपाल गुप्ता - गुप्ता एचसी ओवरसीज

गौतम मेहरा - लाइनर शू  

कुलबीर सिंह - रोज़र एक्सपोर्ट्स 

एक्सीलेंस इन फुटवियर कम्पोनेंट्स। 

कपिल पलवार- डीएसएम सोल     

इस दौरान विशेष रूप से मौजूद रहे।

इस दौरान एफमेक के सचिव ललित अरोरा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश सहगल, सुधीर गुप्ता,सीएलई के रीजनल चेयरमैन मोतीलाल सेठी और एफएएफएम के अध्यक्ष कुलदीप सिंह कोहली, एएसएमए के अध्यक्ष ओपिंदर सिंह लवली, एफमेक के चन्द्रशेखर जीपीआई, अनिल मगन, दीपक मनचंदा,एसके वर्मा आदि विशेष रूप से मौजूद रहे।