वर्ष 2023 में वाइल्डलाइफ एसओएस ने आगरा और मथुरा में,1100 से अधिक सरीसृपों को बचाया



हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

मथुरा: वन्यजीव संरक्षण के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि में, वन्यजीव संरक्षण संस्था-वाइल्डलाइफ एसओएस ने वर्ष 2023 के दौरान आगरा और मथुरा क्षेत्र में 1,100 से अधिक सरीसृपों को सफलतापूर्वक बचाया है। 

यह उल्लेखनीय कार्य मानव-सरीसृप के बीच संघर्ष को कम करने के लिए संस्था की अटूट प्रतिबद्धता का परिणाम है।

मानव-सरीसृप संघर्ष कई प्रजातियों के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है,क्योंकि बढ़ती मानव आबादी वन्यजीवों के प्राकृतिक आवासों पर अतिक्रमण कर रही है। वाइल्डलाइफ एसओएस इन सरीसृपों के लिए आशा की किरण बनकर उभरा है, जो उन्हें जीवन जीने का दूसरा मौका प्रदान करता है और समुदायों को उनके जंगली पड़ोसियों के साथ सह-अस्तित्व में रहने में मदद करता है।

बचाए गए सरीसृप में विभिन्न प्रकार की प्रजातियों शामिल हैं, जिनमें 301 कछुए, जो की इनमे सबसे अधिक हैं। अन्य प्रजातियों में 244 भारतीय रैट स्नेक, 137 कॉमन वुल्फ स्नेक, 89 बंगाल मॉनिटर लिज़र्ड (गोह), 92 अजगर सांप, 201 जहरीले कोबरा, 36 जहरीले कॉमन क्रेट सांप और 8 मगरमच्छ भी शामिल हैं।

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ,कार्तिक सत्यनारायण ने संस्था और स्थानीय समुदाय के सामूहिक प्रयासों के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा की "1100 से अधिक सरीसृपों का सफल बचाव हमारी टीम के अथक प्रयासों और स्थानीय समुदाय के समर्थन का प्रमाण है। यह क्षेत्र की अमूल्य जैव विविधता की रक्षा के लिए संरक्षण पहल की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। वाइल्डलाइफ एसओएस अपने मिशन पर कायम है और भारत की समृद्ध जैव विविधता की रक्षा और संरक्षण के लिए अपने प्रयासों को जारी रखेगा।

वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव, गीता शेषमणि ने कहा कि "यह हमारे मिशन में शामिल सभी लोगों का सामूहिक जुनून और प्रतिबद्धता है। प्रत्येक बचाव अभियान मानव और वन्यजीवों के बीच सह-अस्तित्व की दिशा में एक बढ़ता कदम है और संस्था इसके महत्व पर जोर देती है। मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने और इन प्रजातियों के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक जागरूकता और शिक्षा ज़रूरी है।

वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स,बैजूराज एम.वी. ने कहा,“आगरा और मथुरा क्षेत्र लंबे समय से वन्यजीवों का प्राकर्तिक घर रहा हैं, लेकिन बढ़ते शहरीकरण, आवास विनाश और अवैध वन्यजीव व्यापार ने स्थानीय जीवों के लिए खतरा पैदा कर दिया हैं। वाइल्डलाइफ एसओएस, समर्पित विशेषज्ञों की अपनी टीम के साथ,संकट में वन्यजीवों को बचाने और पुनर्वास करने में सबसे आगे रहा है।

रिपोर्ट-मनोहर लाल चुघ।