यूपी का अनूठा मंदिर,यहां अंडों से होती है पूजा

 


ये प्रचीन मंदिर बाबा नगरसेन जी महाराज का है। 

वहाँ अंडे का भोग,उनके मित्र सैयद भूरा मसान पर लगता है।

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

फिरोजाबाद: ये एक ऐसे मंदिर की कहानी है,यहां पर मिष्ठान की बजाय अंडे से पूजा होती है,यानि कि इस मंदिर में जो देवता विराजमान हैं,उन्हें मिठाई से नहीं बल्कि अंडे से भोग लगाया जाता है। शायद यह बात सुनकर आप आश्चर्य चकित हो रहे होंगे,लेकिन है बिल्कुल सत्य। यह मंदिर कहां पर है और अंडा किस देवता को और क्यों चढ़ाया जाता है इस पर आज हम विस्तार से बात करेंगे तो आप हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ें और अगर आप इस मंदिर को देखने के लिए आना चाहते हैं तब भी हम आपको इसके रास्ते के बारे में जानकारी देंगे।

बच्चों को बीमारी से बचाने के लिए होती है पूजा।

मित्रों,अपने आराध्य देवता को खुश करने के लिए भक्तजन मंदिरों में जाते हैं और उन्हें पूजा अर्चना की सामग्री अर्पित करते हैं,साथ ही मिठाई का भोग लगाते हैं और उनसे अपनी मनौती भी मांगते हैं, लेकिन यह आपने शायद ही सुना हो कि किसी मंदिर में अंडे का भोग लगाया जाता है। लेकिन उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जनपद में एक मंदिर ऐसा है जहां पर देवता को खुश करने के लिए भक्तजन अंडे का भोग लगाते हैं। 

यह मंदिर फिरोजाबाद जिले के बसई मोहम्मदपुर इलाके के गांव बिलहना में स्थित है। यह मंदिर काफी प्राचीन है और मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस मंदिर में अंडा चढ़ता है उसे बाबा नगरसेन जी की कृपा प्राप्त होती है। उसके बच्चे बीमार नहीं पड़ते और जो बच्चा बीमार होता है वह देवता की कृपा से स्वस्थ हो जाता है। जिसके बच्चे नहीं होते वह लोग भी इस मंदिर में आकर भोग में देवता को अंडा ही चढ़ाते है। इस गांव में मंदिर के पास अप्रैल के महीने में हर साल एक मेला भी लगता है जिसे लोग बाबा नगर सेन जी की 'जात' के नाम से भी जानते हैं। 

लाइलाज बीमारी ठीक होने पर ग्रामीणों ने ही बनबाया था मंदिर।

दर असल में इस मंदिर को भी बाबा नगरसेन जी का मंदिर कहा जाता है।अप्रैल में लगने वाले मेले में उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि अन्य प्रान्तों से भी लोग आते हैं और बाबा को अंडा समर्पित करते हैं। इस मंदिर के बारे में गांव के ही बुजुर्गों से जो जानकारी मिली है उनके मुताबिक यह मंदिर लगभग डेढ़ सौ साल पुराना है। गांव में ही रहने वाले एक ग्रामीण का बच्चा बीमार हो गया था,और सही नहीं हो रहा था तो वह उसे किसी के कहने पर मध्य प्रदेश के जिला मुरैना स्थित नगरसेन बाबा के मंदिर पर ले गए,जहां बच्चा सही हो गया। उसके बाद उन्हीं लोगों ने यहां पर गांव के बाहर इस मंदिर का निर्माण कराया था। 

इसलिये लगाया जाता है अंडे का भोग।

मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में बाबा नगर सेन जी के साथ-साथ उनके मित्र भूरा सैयद मसान का भी स्थान है। बाबा नगरसेन जी तो शाकाहारी हैं। उन्हें तो लड्डू,पूड़ी और नारियल का भोग लगाया जाता है,लेकिन जो सैयद भूरा मसान है वह मांसाहारी हैं,उन्हें प्रसन्न करने के लिए अंडे का भोग लगाया जाता है। खैर धीरे-धीरे मंदिर की भी ख्याति बढ़ती जा रही है। अगर कोई इस मंदिर में आना चाहता है तो उसे पहले फिरोजाबाद बस स्टैंड आना पड़ेगा उसके बाद टैक्सी के जरिए शहर से 12 किलोमीटर दूर गांव बिलहना जाकर मंदिर के दर्शन किए जा सकते हैं।

नोट-यह लेख स्थानीय लोगों से वार्तालाप और मंदिर से जुड़ी मान्यताओं पर आधारित है।

✍️ धर्मेन्द्र कुमार चौधरी।