हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज केंद्रीय बजट 2024-25 प्रस्तुत किया गया इसका स्वागत करते हुए चमड़ा निर्यात परिषद (सीएलई) के चेयरमैन राजेंद्र कुमार जालानने कहा कि "केंद्रीय बजट में चमड़ा एवं फुटवियर क्षेत्र के लिए दो प्रमुख उपायों की घोषणा की गई है। एक है चमड़े पर निर्यात शुल्क को युक्तिसंगत बनाना तथा दूसरा है चमड़े के वस्त्र,चमड़ा उत्पाद एवं फुटवियर निर्यातकों के लिए शुल्क मुक्त योजना के अंतर्गत गीले नीले क्रोम टैन्ड लेदर, गीले सफेद लेदर, क्रस्ट लेदर एवं तैयार लेदर सहित अधिक इनपुट को शामिल करना"।
" श्री जालान ने कहा, "निर्यात शुल्क के मोर्चे पर, गीले नीले और क्रस्ट चमड़े पर निर्यात शुल्क 40% से घटाकर 20% कर दिया गया है। इससे देश से मूल्यवर्धित प्रसंस्कृत चमड़े के निर्यात में सुविधा होगी, क्योंकि वैश्विक बाजार में इन चमड़े की भारी मांग है। हमें उम्मीद है कि सरकार भविष्य में क्रस्ट चमड़े के लिए इस निर्यात शुल्क को 20% से घटाकर 0% कर देगी, ताकि अगले 2-3 वर्षों में मूल्यवर्धित चमड़े के निर्यात को 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने के हमारे उद्देश्य को प्राप्त किया जा सके।" श्री जालान ने आगे कहा," चमड़ा निर्यात परिषद गीले नीले, क्रस्ट और तैयार चमड़े सहित महत्वपूर्ण कच्चे माल और इनपुट के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति देने का अनुरोध कर रही है, क्योंकि ये देश से मूल्यवर्धित उत्पादों के निर्यात की सुविधा प्रदान करते हैं। हम इन चमड़े और अन्य महत्वपूर्ण इनपुट को शुल्क मुक्त योजना यानी रियायती शुल्क दरों के तहत माल के आयात योजना के तहत शामिल करने के लिए सरकार के आभारी हैं। यह चमड़ा और फुटवियर क्षेत्र द्वारा 2029-30 तक 13.7 बिलियन अमरीकी डॉलर के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने की हमारी महत्वाकांक्षा को साकार करने में एक बड़ा कदम होगा, जो 2023-24 के दौरान 4.69 बिलियन अमरीकी डॉलर के निर्यात मूल्य से है।" महिला कार्यबल के लिए घोषित समर्थन उपायों पर टिप्पणी करते हुए श्री जालान ने कहा, "चमड़ा और फुटवियर उद्योग में लगभग 40% श्रमिक महिलाएं हैं।कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावासों की स्थापना, क्रेच की स्थापना और महिलाओं के लिए विशेष कौशल कार्यक्रमों के लिए समर्थन की घोषणा से हमारे क्षेत्र में महिला कार्यबल में और वृद्धि होगी और उनके सामाजिक-आर्थिक विकास में मदद मिलेगी। इसके अलावा, "रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना" चमड़ा और फुटवियर क्षेत्र के लिए एक प्रमुख समर्थन उपाय है, क्योंकि यह एक श्रम गहन क्षेत्र है।" श्री जालान ने यह कहते हुए समापन किया कि "केंद्रीय बजट ने निर्यात वृद्धि और रोजगार सृजन को सुगम बनाकर चमड़ा और फुटवियर क्षेत्र के समग्र विकास के लिए एक मजबूत आधारशिला रखी है"
बजट पर राय :
हमारी मुख्य मांग लेदर पर 10% ड्यूटी हटाने की थी जो मान ली गई है, लेदर को ड्यूटीफ्री आईजीसीआर लिस्ट में शामिल कर लिया गया है एक ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत निर्यात के लिये ड्यूटी फ्री इंपोर्ट किया जा सकता है। वेटब्लू और क्रस्ट लेदर के निर्यात पर 40% एक्सपोर्ट ड्यूटी थी जिसे 20% कर दिया गया है। लेदर का एक्सपोर्ट 2 बिलियन डॉलर से घट कर 500 मिलियन डॉलर तक गिर गया है लेदर के निर्यात में वृद्धि हो सकती है। एमएसएमई 45 दिन पेमेंट के लिए लागू धारा 43 H(B) न हटने से निराशा भी हो सकती है। कुल मिलाकर बजट विकासोन्मुख है इंडस्ट्रियल हब, रोड इंफ्रा पर बड़ा खर्च, 1 करोड़ नये मकान या 100 शहरों के बड़े विकास पर फोकस 1000 करोड़ रुपये स्पेस पर इन सब से रोज़गार सृजित होंगे। ग़रीबों के लिए मुद्रा लोन 10 लाख से 20 लाख, उच्च शिखा के लिए लोन, महिला शिक्षा के लिए लोन विकसित भारत की ओर कदम हैं।
-पूरन डावर, अध्यक्ष एफमेक ।
फुटवियर उद्योग के लिए सबसे बड़ी चुनौती रही जीएसटी, आज के बजट में भी अपरिवर्तित है। सिर्फ जूते पर 12% जीएसटी के कारण, 100 रुपये की बाथ रूम चप्पल खरीदने वाले ग्राहक को भी 12 रुपये का भुगतान करना पड़ रहा है। और यह तब हो रहा है जब टीडीएस काटने के बाद वेतन का भुगतान किया जाता है। परिधान के साथ जूते भी एक आवश्यकता है, दोनों उद्योगों को एक ही मापदंड से क्यों नहीं संभाला जा सकता। फुटवियर उद्योग साल दर साल गिरता जा रहा है। आगरा में फुटवियर सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता है, फिर भी फुटवियर उद्योग को हमेशा नजरअंदाज किया जाता है।
कुलदीप कोहली,अध्यक्ष,एफएफएम।