महामना जी को उनकी जयंती पर किया याद



हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा : अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा एवं ब्राह्मण प्रोफेशनल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में महामना पं. मदन मोहन मालवीय जी की जयंती के अवसर पर बुधवार को नागरी प्रचारिणी सभा,आगरा में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आगरा पब्लिक ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूशन्स के संस्थापक महेश शर्मा ने की। 

कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती, भगवान परशुराम एवं पं.मदन मोहन मालवीय के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। 

अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा की प्रदेश अध्यक्ष डॉ.मधु भारद्वाज ने संस्था के परिचय एवं उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्था की नींव महामना पं.मदन मोहन मालवीय जी के कर-कमलों द्वारा ही रखी गई थी। हमें उनके द्वारा बताए गए मार्ग का अनुशरण करना चाहिए।

शिक्षा की अलख जगाई,

ब्राह्मणों को दिलाया मान।

अविस्मरणीय रहेगा उनका,

स्वतन्त्रता में योगदान।

ऐसे महामना ‘भारत रत्न‘ को

 हमारा कोटि-कोटि प्रणाम।

इस अवसर पर महामना पं.मदन मोहन मालवीय पर प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन श्रीमती अनुपम चतुर्वेदी द्वारा किया गया।

 प्रथम स्थान ..सुनील दत्त शर्मा,

 द्वितीय स्थान ..आभा चतुर्वेदी,

 एवं तृतीय स्थान ....नीलम शर्मा ने प्राप्त किया।

प्रदेश अध्यक्ष डॉ.मधु भारद्वाज ने कुछ पंक्तियाँ यूं कहीं -

शिक्षा की अलख जगाई,

ब्राह्मणों को दिलाया मान।

अविस्मरणीय रहेगा उनका

स्वतंत्रता में योगदान।

ऐसे महामना भारत रत्न को,

हमारा कोटि कोटि प्रणाम।

श्रीमती विजया तिवारी ने बताया कैसे..मालवीय जी ने काशी विश्वविद्यालय की स्थापना की तथा कैसे पूरे भारत वर्ष से धन एकत्रित किया।श्रीमती राजकुमारी पाराशर ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला। डॉ0 आभा चतुर्वेदी ने मालवीय जी के उद्देश्य राष्ट्रीय स्वतंत्रता व धर्म व विकास पर प्रकाश डाला।

निर्मल ने कहा -  हर किसी के दिल पर अपनी हिस्सेदारी हो।

कवि पदम गौतम ने महामना जी पर एक कविता लिखी जिसकी पंक्तियां इस प्रकार- दीपक की हर सांस जलानी पड़ती है। भूखे रह कर कलम चलानी पड़ती है।

रामेन्द्र शर्मा ने ब्रज भाषा पर कविता सुनाई जिसका शीर्षक अखबार था। विशिष्ट अतिथि पं. ब्रह्मदत्त शर्मा ने कहा कि मालवीय जी का नाम अपने आप में पूर्ण था,चार में एक था,महामना मदन मोहन मालवीय जी वो ब्रह्मा विष्णु महेश के पूरक रहे।

मुख्य अतिथि फिल्म लेखक एवं निर्देशक  सूरज तिवारी ने कहा..बाहर की आँखों से न दिखावा करे कोई, हो देखना तो दीदार-ए-दिलक् करे कोई। कार्यक्रम अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि मदन मोहन मालवीय जी के जीवन से हमें बहुत शिक्षा लेनी चाहिए।

प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम के विजेताओं को पुरस्कार वितरण सूरज तिवारी ने किया।  कार्यक्रम में वंदना तिवारी,भावना शर्मा, शारदा भार्गव, रजनी भार्गव, शशांक भार्गव,अमोल शर्मा व सुनील दत्त शर्मा आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन नीलम शर्मा ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन दीप्ति भार्गव ने किया।