हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो
आगरा : 28 जानवरी,शाहजहाँ के उर्स पर 1640 मीटर लम्बी चादर चढ़ा कर उर्स का समापन किया गया। पहले दिन संदल की रस्म की अदायगी की गई शाहजहाँ और मुम्ताज़ की कब्रों पर संदल का लेप लगाया गया उसके पश्चात फूलों की चादर चढाई गई व गुल पोशी का आयोजन किया गया। उसके पश्चात कव्वालियों का आयोजन किया गया। 2 बजे से ज़ायरीनो व बाहर से आये पर्यटकों के लिये निशुल्क प्रवेश कराया गया व पूर्वी व पश्चिमी गेट पर लम्बी कतारे लग गई। मुख्य मकबरे पर भी निशुल्क प्रवेश किया गया। हज़ारों लोगो ने ताज के दीदार किए। दूसरे दिन सोमवार 2 बजे से स्मारक में निशुल्क प्रवेश दिया गया। कव्वालियाँ गाते कव्वाल संदल लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ए.एस.आई),केंद्र.औद्योगिक सुरक्षा बल(सी.आई.एस.एफ) के अधिकारी व उर्स कमेटी के पदाधिकारी मुख्य मकबरे पर पहुंचे,वहाँ कब्रों पर संदल चढ़ाया।
हाफिज़ तनवीर ने मुल्क में अमन चैन के लिये दुआयें की व फूलों की चादर की रस्म अदा की गई। ताजमहल के मुख्य गेट पर शहनाई वादन की रस्म अदा की गई। इन तीन दिन के उर्स के सभी कार्यक्रमों में शिरकत करने वालों में सहायक अधीक्षण पुरातत्व विभाग की अलका सिंह,सी.आई.एस.एफ के सीनियर कमांडेंट वैभव कुमार दुबे,हाजी मिर्ज़ा असीम बेग,ताहिर उद्दीन ताहिर,सैयद इब्राहिम,एम-इकबाल,आरिफ तैमूरी प्रमुख थे।
रिपोर्ट -असलम सलीमी।