हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो
आगरा : 9 फरवरी,संस्कार भारती,आगरा महानगर,बृज प्रान्त द्वारा तृतीय नमन काव्य गोष्ठी,मारूति इस्टेट कालोनी,आगरा में आयोजित की गई।इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ कवि रविन्द्र वर्मा, वरिष्ठ कवि प्रभुदत्त उपाध्याय,संस्कार भारती आगरा महानगर के उपाध्यक्ष इंजीनियर सुरेश चन्द्र अग्रवाल एवं प्रांतीय कोषाध्यक्ष आशीष अग्रवाल ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित करके काव्य गोष्ठी का शुभारम्भ किया।
कवि रविन्द्र वर्मा ने सरस्वती वन्दना की।
कवि कुमार ललित की कविता करतल ध्वनि के साथ सुनी गई..
प्यार की बेल सूखने मत दो,
अपने लोगों को टूटने मत दो।
तुमसे खुशियाँ भी रूठ जाएंगी,
तुम बुजुर्गों को रूठने मत दो।
कवि प्रभु दत्त उपाध्याय ने पढ़ा ..
मौसम फिर चुनाव कौ आयौ है ये नेता लडें मरेंगे।
ये नेता लडें मरेंगे छुट भैया लडें मरेंगे।
नोट फ्री में बांट रहे हैं रोज थूक कें चाट रहे हैं।
ये जनता कूं भरमामेंगे।
कवि प्रणव कुलश्रेष्ठ, टूण्डला ( फिरोजाबाद) की कविता को खूब मन से सुना गया.
आया अब रितुराज ,नयी स्फूर्ति नये काज,
पीत पुष्प सुर्ख आज, उपवन जाइये ।
बैठि जाओ उपवन,प्रफुल्लित होत मन ,
खग घूमते गगन,जरा मुसकाइए ।।
झूमि रही डाली डाली ,भू पर है हरियाली,
गा रही कोयल काली ,शीत को भगाइए।
प्रकृति भी कह रही ,यौवन को सह रही ,
कामिनी भी हंस रही ,कामदेव आइए।।
कवियत्री सुमन शर्मा को तालियों से सुना गया..
जीवन की इस रेलगाड़ी में,
हैं हम सब मुसाफिर, मेरे दोस्तो
क्या खबर, कब,कौन, किस स्टेशन पर उतर जाए
और फिर उसी सीट पर ,किसी और का नंबर लग जाए।
काव्यगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि रविन्द्र वर्मा की कविता को खूब मन से सुना गया।
पवन का यह झौंका लुभाने लगा है ।
तभी मोर मन का यों गाने लगा है ।।
यह मधुमासी रंगत हुई इन्द्रधनुषी ।
खिले फूल अनुपम सुधा वादी पहुँची ।।
धरा ओढ़ ली रंग चूनर है धानी ।
यों काँटों खिलीं पुष्प लतिका सुहानी ।।
प्राचार्य और वरिष्ठ कवि सुधीर कुलश्रेष्ठ ने काव्य पाठ किया
रिटायरमेंट को मत समझिए
तुम अपना विश्राम ।
वह अनुशासित पर्व था
अब चलना बिना विराम ।।
काव्य गोष्ठी में डा.शेष पाल सिंह शेष,कवि रामेंद्र कुमार शर्मा "रवि", चन्द्र शेखर शर्मा,इंजीनियर हरवीर परमार, आचार्य उमा शंकर, डा हरवीर सिंह परमार "तांतपुर" , राजीव क्वात्रा "आगरावासी", आशीष शर्मा, उपेन्द्र सिंह चौहान, आचार्य निर्मल (मथुरा), योगेश चन्द्र शर्मा "योगी", अवधेश उपाध्याय, सुमन शर्मा, उमाशंकर "आचार्य", मृदुल कुलश्रेष्ठ, दीप्ति कुलश्रेष्ठ, सुभाष प्रजापति, उमा शंकर मिश्रा आदि ने भी काव्यपाठ किया।
कार्यक्रम का संचालन कवि राकेश कुमार शर्मा "निर्मल" ने किया।
संयोजन नन्द नन्दन गर्ग,संस्कार भारती ने किया।धन्यवाद ज्ञापन डा. अंशु अग्रवाल ने किया।सर्व श्री वर्तित अग्रवाल, अनिल अग्रवाल, सुरेश चन्द्र अग्रवाल,आशीष जैन और श्याम तिवारी ने व्यवस्थाएं संभाली।