याद रखो हे मानव! मिट्टी हो तुम : बिशप राफी ईसाइयों के रोज़े (व्रत) आरम्भ



हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा : 05 मार्च “हे मानव,याद रखो तुम मिट्टी हो और एक दिन मिट्टी में ही मिल जाओगे।” ऐश वेडनेसडे (राख बुधवार) के अवसर पर निष्कलंक माता महागिरजाघर में एकत्रित विश्वासियों को संबोधित करते हुए महाधर्माध्यक्ष डॉ. राफी मंजलि ने ये वचन कहे। राख बुधवार के साथ ही गुड फ्राइडे और ईस्टर संडे तक चलने वाले ईसाई समाज के 40 दिवसीय उपवास (व्रत) और परहेज की अवधि – दुःखभोग काल (लैंट सीजन)  प्रारंभ हो गई।

इस दौरान ईसाई समाज प्रभु यीशु मसीह के दुःखभोग, क्रूस पर उनकी पीड़ादायी मृत्यु और तीसरे दिन पुनः जी उठने की घटनाओं पर मनन करता है। यह समय प्रार्थना, सादगीपूर्ण जीवन, दान-दया के कार्य, आत्मसंयम और आध्यात्मिक नवीनीकरण में व्यतीत होता है। इन दिनों में विवाह एवं अन्य भव्य समारोहों से परहेज किया जाता है, गिरजाघरों में वाद्य यंत्रों का प्रयोग नहीं किया जाता, और पुरोहित पूजा के दौरान बैंगनी रंग के वस्त्र धारण करते हैं, जो शोक एवं दुःख का प्रतीक माना जाता है।

राख बुधवार को नगर के सभी प्रमुख गिरजाघरों में प्रातः एवं सायंकालीन विशेष प्रार्थना सभाएँ और प्रवचन आयोजित किए गए। श्रद्धालु, बड़े और छोटे, सभी ने अपने माथे पर राख लगवाकर जीवन की क्षणभंगुरता और प्रायश्चित करने का संदेश ग्रहण किया।

निष्कलंक माता महागिरजाघर में महाधर्माध्यक्ष डॉ.राफी मंजलि के साथ श्रद्धेय फादर राजन दास और फादर शाजी ने मिस्सा बलिदान में भाग लिया और राख बुधवार की मुख्य प्रार्थनाएँ सम्पन्न कराईं। अपने प्रवचन में महाधर्माध्यक्ष ने मानव जीवन की नश्वरता पर बल देते हुए सात्विक जीवन जीने का आह्वान किया।

सेंट मेरीज चर्च,प्रतापपुरा में पल्ली पुरोहित फादर जोसफ डाबरे और फादर स्टीफन ने राख बुधवार की विधियाँ सम्पन्न कराईं। वहीं, आगरा छावनी स्थित सेंट पैट्रिक्स चर्च में पल्ली पुरोहित फादर ग्रेगरी और फादर सनी कॉटर ने पवित्र मिस्सा बलिदान अर्पित किया, जिसमें श्री लॉरेंस मसीह ने बाइबल से पाठ पढ़ा।

क्रिश्चियन समाज सेवा सोसाइटी के अध्यक्ष श्री डेनिस सिल्वेरा और श्री एल्विन सिल्वेरा ने सभी ईसाई बंधुओं को चालीसा काल की शुभकामनाएँ दीं और उनसे उपवास एवं परहेज के चर्च संबंधी नियमों का पालन करते हुए सात्विक जीवन जीने का अनुरोध किया।