हिन्दुस्तान वार्ता। ✍️ पूरन डाबर
जम्मू-कश्मीर के हालातों को दृष्टिगत ' राष्ट्र चिन्तक-विश्लेषक पूरन डावर' अपने सुझाव राष्ट्र/सरकार के समक्ष पेश कर रहे हैं। पढ़ें उन्हीं की कलम से..
देश के एक जागरूक नागरिक के नाते मैं जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थिति को लेकर कुछ विनम्र सुझाव आपके समक्ष रखना चाहता हूँ। हाल की घटनाओं, विशेष रूप से पहलगाम में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने समस्त राष्ट्रवासियों को चिंतित किया है। इस पृष्ठभूमि में मैं निवेदन करता हूँ कि..
केंद्र सरकार की सशक्त भूमिका :
जम्मू-कश्मीर एक अत्यंत संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्र है। क्षेत्र में दीर्घकालिक स्थिरता और शांति बनाए रखने हेतु केंद्र सरकार की भूमिका मजबूत और प्रभावी रहनी चाहिए। इस दिशा में चुनावी प्रक्रिया को इस प्रकार से संचालित किया जाए जिससे राष्ट्र विरोधी तत्वों को जन प्रतिनिधित्व प्राप्त करने का अवसर न मिले।
सुरक्षा और समान अधिकारों की प्राथमिकता :
घाटी में विकास कार्य तभी प्रभावी होंगे जब प्रत्येक भारतीय नागरिक को वहाँ सुरक्षित वातावरण में निवास,व्यवसाय एवं उद्योग स्थापित करने के समान अधिकार प्राप्त होंगे। इसलिए सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए ऐसे वातावरण का निर्माण किया जाए, जिसमें भारत के हर नागरिक को समान अवसर और अधिकार मिलें।
सांप्रदायिक समरसता और समान नागरिक अधिकार :
भारत का संविधान धर्मनिरपेक्षता का आदर्श प्रस्तुत करता है। इसी भावना के अनुरूप,जम्मू-कश्मीर में भी सभी धर्मों के प्रति समान आदर और सहिष्णुता को बढ़ावा दिया जाए। घाटी में ऐसा सामाजिक वातावरण निर्मित किया जाए, जहाँ भारत के अन्य हिस्सों के नागरिक भी आत्मविश्वास और सम्मान के साथ रह सकें और पर्यटन तथा अन्य गतिविधियों में भाग ले सकें।
निवेदन :
देश की एकता और अखंडता के प्रति आपकी सरकार की प्रतिबद्धता से हम सभी को प्रेरणा मिलती है। आशा करता हूँ कि उपरोक्त बिंदुओं पर सकारात्मक विचार कर,राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखते हुए उपयुक्त कदम उठाए जाएंगे।
आपके नेतृत्व में राष्ट्र निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर हो.. यही शुभकामना है।
जय हिन्द...🚩