हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
नई दिल्ली : 28 जून,विश्व हिंदी परिषद द्वारा शैक्षणिक सत्र 2024 -25 में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड एवं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षा में हिंदी विषय में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले मेधावी छात्रों का सम्मान समारोह हरियाणा भवन,नई दिल्ली में आयोजित किया गया।
इस समारोह की मुख्य अतिथि राज्यसभा सदस्य श्रीमती दर्शना सिंह एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. मार्कण्डेय राय एवं वरिष्ठ हिंदी सेवी ब्रह्मानंद पांडेय जी उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में श्रीमती सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के इतने वर्षों बाद भी हिंदी को उसका यथोचित स्थान नहीं मिल सका है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हिंदी शीघ्र ही अपने गौरव को पुनः प्राप्त करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि हम आज भी लॉर्ड मैकॉले की शिक्षा प्रणाली के प्रभाव से पूरी तरह मुक्त नहीं हो पाए हैं।
श्रीमती सिंह ने प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2020 में प्रारंभ की गई नई शिक्षा नीति के अंतर्गत हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में मेडिकल शिक्षा एवं अनुसंधान कार्यों के हिंदी में संपन्न होने का उदाहरण देते हुए यह बताया कि हिंदी अब उच्च शिक्षा में भी अपने पाँव जमा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यूट्यूब एवं अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से हिंदी के प्रचार को नई ऊर्जा प्राप्त हुई है। आपके अनुसार हिंदी सभी भारतीय भाषाओं की सखी है तथा यह विविध भाषाओं को जोड़ने का सेतु भी बन सकती है।
विश्व हिंदी परिषद के राष्ट्रीय महासचिव विपिन कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि हिंदी को सशक्त बनाने के लिए युवा पीढ़ी को इससे जोड़ना आवश्यक है। इसी उद्देश्य से हिंदी विषय में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया,जो हिंदी के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
विश्व हिंदी परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डी.पी.मिश्र ने कहा कि भारतीय भाषाओं के समन्वय से ही हिंदी को विश्वभाषा का दर्जा दिलाया जा सकता है। उन्होंने शासन और प्रशासन में हिंदी के प्रयोग पर बल देते हुए कहा कि यदि हमें 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है, तो हिंदी के व्यापक विकास को सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय संस्कृति को समझने के लिए हिंदी का ज्ञान आवश्यक है।
इस अवसर पर राजभाषा विभाग,गृह मंत्रालय के तीन वरिष्ठ अधिकारियों राजेश श्रीवास्तव (संयुक्त निदेशक, राजभाषा), राजभाषा विभाग,गृह मंत्रालय,रघुवीर शर्मा (उपनिदेशक, राजभाषा), राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय एवं हरीश रावत (उपनिदेशक, राजभाषा), राजभाषा विभाग, वित्त मंत्रालय को हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए उनके विशिष्ट योगदान के लिए विश्व हिंदी परिषद द्वारा हिंदी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया।
समारोह में परिषद के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ.श्रवण कुमार, दिल्ली प्रदेश के शैक्षिक प्रकोष्ठ के संयोजक प्रो.श्रीनिवास त्यागी, अध्यक्ष प्रो.हर्षबाला शर्मा,उपाध्यक्ष डॉ.प्रतिभा राणा एवं डॉ.दीनदयाल,महामंत्री डॉ. प्रीति सहित अनेक प्रतिष्ठित महाविद्यालयों के प्राध्यापक एवं परिषद के सदस्यगण उपस्थित रहे।
इस अवसर पर विश्व हिंदी परिषद के महासचिव एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की उपस्थिति में दिल्ली प्रदेश (सामान्य प्रकोष्ठ) कार्यकारिणी के गठन पर चर्चा हेतु सुश्री ऋचा बैनर्जी,पूर्व संयुक्त निदेशक (राजभाषा), आकाशवाणी एवं सुश्री अभिलाषा मिश्रा, पूर्व उप-निदेशक राजभाषा विभाग एवं वर्तमान में केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड की राजभाषा अधिकारी सहित दिल्ली प्रदेश सामान्य प्रकोष्ठ कार्यकारिणी के कई सदस्यों ने भाग लिया।