पंचामृत स्नान,महा रुद्राभिषेक और हवन से हुआ शुभारंभ
हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
आगरा। उत्तर भारत में दक्षिण भारतीय परंपरा का दिव्य संगम,छलेसर रोड स्थित श्री वरद वल्लभा महागणपति मंदिर में बुधवार को श्री गणेश महोत्सव का शुभारंभ महाअभिषेक और महा आरती के साथ हुआ। यह मंदिर उत्तर भारत का प्रथम और प्रमुख दक्षिण भारतीय शैली का गणपति मंदिर माना जाता है,जिसकी भव्यता और श्रद्धा का अनुभव दूर-दराज से आने वाले भक्तों को भी दक्षिण भारत के प्राचीन मंदिरों की झलक कराता है।
पंचामृत स्नान और महा रुद्राभिषेक से हुआ शुभारंभ :
सुबह की पहली किरण के साथ मंदिर में पंचामृत स्नान और महा रुद्राभिषेक के साथ श्री गणेश जी का अभिषेक किया गया। संस्थापक हरिमोहन गर्ग एवं साधना गर्ग ने परिजनों और भक्तों के साथ हवन पूर्ण किया। पूरे मंदिर को विद्युत सज्जा और पुष्पों से आकर्षक रूप से सजाया गया था। लाल फूलों से सुसज्जित गणपति बप्पा ने स्वर्ण मुकुट और सूर्य तिलक धारण कर गुलाबी आभा में दिव्य दर्शन दिए।
भक्तों को खींच रहा 101 किलो वजनी मोदक :
मंदिर का मुख्य आकर्षण 101 किलो वजनी मेवा मोदक रहा,जिसके दर्शन के लिए भक्तों का तांता देर रात तक लगा रहा। पूरे दिन खुले मंदिर के पटों ने श्रद्धालुओं को दर्शन और आशीर्वाद का अवसर प्रदान किया।
दक्षिण भारतीय परंपरा और उत्तर भारतीय भक्ति का अद्वितीय संगम :
संस्थापक हरिमोहन गर्ग ने बताया कि 10 दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में प्रतिदिन महा गणपति का अद्भुत और स्वर्णिम श्रृंगार किया जाएगा तथा प्रसादी का वितरण होगा। इस मंदिर का महत्व इस कारण और बढ़ जाता है कि यह उत्तर भारत का पहला ऐसा गणपति मंदिर है जो दक्षिण भारतीय स्थापत्य और पूजा पद्धति पर आधारित है।