“भारत ने हर समझौते का आदि बनना छोड़ दिया,कुछ बातों में हमने बापू गांधी बनना छोड़ दिया"
जाणता राजा का भव्य मंचन 4 से 9 अक्टूबर तक कलाकृति कन्वेंशन सेंटर परिसर, ताज ईस्ट गेट,आगरा में
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे महा नाट्य का उद्घाटन
हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
आगरा। भारत ने हर समझौते का आदि बनना छोड़ दिया, कुछ बातों में हमने बापू गांधी बनना छोड़ दिया…” प्रखर राष्ट्रकवि डॉ.हरिओम पंवार की ये ओजस्वी पंक्तियां आज कलाकृति कन्वेंशन सेंटर, ताज ईस्ट गेट,फतेहाबाद रोड पर आयोजित ‘जाणता राजा’ व्याख्यान कार्यक्रम में गूंज उठीं। कार्यक्रम का आयोजन दिव्य प्रेम सेवा मिशन के सेवा प्रकल्पों के निमित्त किया गया था,जिसमें छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन और आदर्शों को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प व्यक्त किया गया।
इस अवसर पर पूज्य जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज (ज्योतिर्मय बद्रीधाम, हिमालय) ने अपने आशीर्वचन में कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए बल, बुद्धि और संगठन – तीनों का समन्वय आवश्यक है। उन्होंने आह्वान किया कि अब उनकी आयु मात्र दो ढाई वर्ष और रह गई है 87 वर्ष की आयु में वे शरीर का त्याग करेंगे उससे पूर्व वह अखंड भारत देखना चाहते हैं, इसके लिए सभी को प्रयास करना ही होगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश भैया जी जोशी ने कहा कि शिवाजी महाराज का जीवन केवल संघर्ष नहीं बल्कि समाज को आत्मगौरव और आत्मबल देने का विराट अभियान था। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे शिवाजी के मार्ग पर चलकर राष्ट्र सेवा में योगदान दें।
इस अवसर पर दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक डॉ.आशीष गौतम भैया जी ने जानकारी दी कि शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित विश्व प्रसिद्ध महानाट्य ‘जाणता राजा’ का भव्य मंचन 4 से 9 अक्टूबर 2025 तक कलाकृति कन्वेंशन सेंटर परिसर,ताज ईस्ट गेट, आगरा में किया जाएगा। कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल ऐतिहासिक गाथा का मंचन होगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए राष्ट्रभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा का प्रेरक संदेश भी देगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रकवि डॉ.हरिओम पंवार ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में भारत माता के महान सपूतों और शिवाजी महाराज की गाथा को काव्यात्मक पंक्तियों और ऐतिहासिक दृष्टांतों के साथ प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि शिवाजी का व्यक्तित्व भारतीय संस्कृति और स्वतंत्रता चेतना का अमिट प्रतीक है। आधुनिक शिक्षा में परिवर्तन की अत्यधिक आवश्यकता है। शिक्षा में बस यह सिखाया जाए कि भारत गुलाम कैसे बना और भारत का स्वर्णिम इतिहास क्या था तो बदलाव स्वयं आ जाएगा।
कार्यक्रम की प्रस्तावना लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष राकेश गर्ग ने रखी। अंत में धन्यवाद ज्ञापन सीए संजीव माहेश्वरी ने दिया।व्याख्यान कार्यक्रम का संचालन राहुल सारस्वत एवं संयोजन कार्यकारी अध्यक्ष संजय चतुर्वेदी जी ने किया।
ये रहे उपस्थित :
केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो.एस.पी.सिंह बघेल, राष्ट्र चिंतक-विश्लेषक पूरन डावर, कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य, महिला आयोग अध्यक्ष डॉ.बबिता चौहान, विधायक छोटे लाल वर्मा,भाजपा महानगर अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष आयोजन समिति मनीष अग्रवाल रावी, महामंत्री मुकेश गोयल, संयोजक ललित शर्मा, स्वागत समिति उपाध्यक्ष प्रमोद सारस्वत, महामंत्री अभिनव मौर्य, संयोजक सोम मित्तल, गोविंद दुबे, अजय गुप्ता,बांके लाल, अजीत जी महापात्र, धर्मेंद्र जी, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश कुमार, ओमवीर सिंह,अभय पाल, रामया, सिंहपाल सिंह आदि सहित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साहित्यकार, बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता और नागरिक उपस्थित रहे।