आगरा का बजट टारगेट न बढ़ाये जाने की चैम्बर ने की मांग
हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
आगरा : 27 सितम्बर,चैम्बर का प्रतिनिधि मंडल चैम्बर अध्यक्ष संजय गोयल की अध्यक्षता में पूर्व अध्यक्ष एवं आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अधिवक्ता अनिल वर्मा के नेतृत्व में केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के सदस्य (Legislation) आर.एन. पर्वत,आई.आर.एस.,प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त एनडबल्यूआर चंडीगढ़ श्रीमती आम्रपाली,प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त,यूपी (ईस्ट) अमूल पुष्प, प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त यूपी वेस्ट - एंड उत्तराखंड कानपुर श्रीमती अपर्णा करन एवं प्रधान आयकर आयुक्त अनुपम कांत गुप्ता से मिला। चैम्बर द्वारा आयकर में विसंगतियाँ एवं आईटीआर की अंतिम तिथि को बढ़ाने तथा आयकर से सम्बन्धी सुझाव सहित 15 सूत्रीय ज्ञापन दिया गया।
आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अधिवक्ता अनिल वर्मा द्वारा प्रतिवेदन में आईटीआर एवं चैरिटेबल एक्ट/सोसायटी की अंतिम तिथि को बढ़ाने की मांग की गयी। पोर्टल की कमियों के कारण एंडवांस टैक्स जमा न हो पाने कारण उस पर ब्याज न लगाने एवं रिफंड जारी करने में हो रही देरी को भी दूर करने,अपीलों के निस्तारण में हो रही कमियाँ एवं विलम्ब को दूर करने की मांग की गयी।
चैम्बर अध्यक्ष संजय गोयल,चेयरमैन अनिल वर्मा,सी.ए.प्रार्थना जालान व अधिवक्ता राजकिशोर खंडेलवाल ने सीबीडीटी के सदस्य आर.एन.पर्वत ने वार्ता के दौरान कहा कि आगरा के बजट टारगेट को न बढाया जाये। क्योंकि आगरा टीटीजेड की बंदिशों के कारण उद्योग की स्थिति अत्यन्त ही दयनीय है। आगरा के उद्योग बढ़ाने के स्थान पर घट रहे है। साथ ही अमेरिकी टैरिफ से भी निर्यात व्यापार हतोत्साहित हो रहा है। आगामी बजट में आगरा को विशेष पैकेज देने की मांग की गयी।
चैम्बर द्वारा अवगत कराया गया कि आयकर विवरणी में त्रुटियों को सुधारने के लिए धारा 139(9) के तहत दी गई 15 दिनों की वर्तमान समय-सीमा, विशेष रूप से संचार में देरी और व्यावहारिक कठिनाइयों को देखते हुए, बहुत ही कम है।
चैम्बर द्वारा मांग की गयी कि इस समय-सीमा को कम से कम 30 दिनों तक बढ़ाया जाए और त्रुटि दूर करने की सूचना इलेक्ट्रॉनिक संचार के अलावा स्पीड पोस्ट के माध्यम से भी अनिवार्य रूप से भेजी जाए ताकि उचित वितरण सुनिश्चित हो सके।
प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि अपीलीय आदेश अक्सर करदाताओं द्वारा प्रस्तुत लिखित प्रस्तुतियों और साक्ष्यों पर उचित विचार किए बिना ही सरसरी तौर पर पारित कर दिए जाते हैं। इससे प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का हनन होता है और अनावश्यक मुकदमेबाजी को बढ़ावा मिलता है। चैम्बर द्वारा अनुरोध किया गया कि प्रस्तुत प्रस्तुतियों पर उचित रूप से विचार करते हुए तर्कसंगत और स्पष्ट आदेश सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए जाएं।
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के सदस्य (Legislation) आर.एन.पर्वत द्वारा चैम्बर के प्रतिनिधि मंडल को बहुत ही ध्यान पूर्वक सुना गया तथा चैम्बर द्वारा प्रेषित प्रतिवेदन पर सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया।
प्रतिनिधि मंडल में चैम्बर अध्यक्ष संजय गोयल, उपाध्यक्ष विवेक जैन, पूर्व अध्यक्ष एवं आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अधिवक्ता अनिल वर्मा,अधिवक्ता राजकिशोर खंडेलवाल,सी.ए. प्रार्थना जालान उपस्थित थे।
रिपोर्ट -असलम सलीमी