"सामाजिक न्याय के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शक्ति" पर'यूएन' में बोलीं रुचिरा कंबोज।

 


हिन्दुस्तान वार्ता।

डॉoबीआर अंबेडकर की 132वीं जयंती के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एनजीओ फाउंडेशन फॉर ह्यूमन होरिजन के साथ साझेदारी में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन द्वारा कार्यक्रम की मेजबानी की गई।

 यूएन मुख्यालय परिसर में एक विचार गोष्ठि में संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दुरुपयोग और किसी मामले के तथ्यों की जाँच किये बिना ही राय बना लेने पर अपना पक्ष रखा। 

रुचिरा कंबोज ने अपने संबोधन में कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का अगर सही तरीके से उपयोग किया जाता है तो यह अत्यधिक समृद्धि और अवसर पैदा कर सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि एआई सिस्टम का दुरुपयोग न हो। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने कृषि में एआई ऐल्गोरिथम विकसित किए हैं, जिनके जरिए कृषि संबंधी समाचार साझा किए जाते हैं। इससे किसानों को अपनी फसलों के लिए बेहतर जानकारी के साथ निर्णय लेने में मदद मिलती है और हानि में कमी आना संभव हुआ है। वहीं, स्वास्थ्य देखभाल में एआई के जरिए उन इलाकों में रोग निदान व उपचार सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी रही है।

डॉo बीआर अंबेडकर की 132वीं जयंती के मौके पर संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) की प्रतिनिधि उरसुला विनहॉवेन ने एआई के प्रयोग में लाभों को रेखांकित करते हुए कहा कि इसके जरिए अंतरिक्ष से जानकारी जुटाई जा सकती है और प्राकृतिक आपदाओं का अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा हर दिन, एआई के प्रयोग से जुड़ी अनगिनत सम्भावनाएं नज़र आती हैं, लेकिन सतर्कता बनाए रखना भी जरूरी है।

(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)