सैम पित्रोदा ने फिर कांग्रेस को मुसीबत में डाला

हिन्दुस्तान वार्ता। शाश्वत तिवारी

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए नई मुसीबत पैदा हो गई। दूसरे चरण की वोटिंग से 48 घंटे पहले अमेरिका में बैठे कांग्रेस के थिंक टैंक सैम पित्रोदा ने ऐसा धमाका किया जिसकी गूंज बुधवार को देश की राजनीति में खूब सुनाई दी। पूरी कांग्रेस बैकफुट पर आ गई। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जो इल्जाम लगाया था, सैम पित्रोदा ने उससे आगे की बात कह दी। सैम पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में Inheritance (विरासत) टैक्स लगता है, भारत में ऐसा कानून नहीं है, लेकिन इस पर विचार होना चाहिए। यानी अगर किसी व्यक्ति की मौत के बाद उसकी जो सम्पत्ति है, उसमें से कम से कम आधा हिस्सा सरकार के पास जाए, सिर्फ आधा हिस्सा उसके बच्चों को दिया जाए। सैम पित्रोदा की ये बात चुनाव प्रचार का सबसे बड़ा मुद्दा बन गई। पीएम मोदी, अमित शाह, जे. पी. नड्डा, योगी आदित्यनाथ से लेकर सुधांशु त्रिवेदी तक सबने इसे मुद्दा बनाया। मोदी ने कहा कि अब एक्सरे का मतलब भी सामने आ गया, कांग्रेस देश के लोगों की संपत्ति का सर्वे कराएगी, उस पर कब्जा करेगी, जिनकी मौत होगी, उनकी आधी जायदाद हथिया कर अपने चहेते वोट बैंक को बांट देगी। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस का नारा है, “लूट का खेल, जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी”। पीएम मोदी ने कहा कि अभी तक इशारों में बात हो रही थी लेकिन अब युवराज के गुरू ने सारा खेल उजागर कर दिया है।

सैम पित्रोदा का ये बयान कांग्रेस के गले की फांस बन गया। मल्लिकार्जुन खरगे, प्रियंका, राहुल से लेकर जयराम रमेश तक सबने इस मुद्दे पर सफाई देने की कोशिश की। अमेरिका में विरासत टैक्स वाला क़ानून कुछ इस प्रकार है। मान लीजिए कि कोई 10 करोड़ डॉलर की जायदाद का मालिक है और जब उसकी मौत हो जाती है तो उसकी केवल 45 प्रतिशत  संपत्ति ही उसके बच्चों को मिलती है। बाक़ी 55 प्रतिशत  पर सरकार का क़ब्ज़ा हो जाता है। ये काफी दिलचस्प कानून है। ये कानून कहता है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति कमाई। लेकिन जब आपकी मौत होती है तो आपको अपनी पूरी तो नहीं, पर आधी संपत्ति जनता की भलाई के लिए देनी होगी। पित्रोदा ने इंटरव्यू में यही बात कही। पित्रोदा ने कहा, मुझे ये बात उचित लगती है, भारत में ऐसा कोई क़ानून नहीं है, भारत में अगर कोई इंसान 10 अरब डालर की संपत्ति का मालिक है, तो उसकी मौत के बाद उसकी पूरी संपत्ति उसके बच्चों को मिल जाती है, जनता के हाथ कुछ नहीं आता। अमेरिका का क़ानून कहता है कि इस संपत्ति में से आधा जनता यानी सरकार को मिलेगा। पित्रोदा ने कहा, इन मुद्दों पर जनता में बहस होनी चाहिए, मुझे नहीं पता कि इसका क्या नतीजा निकलेगा। लेकिन, जब हम संपत्ति के पुनर्वितरण की बात करते हैं, तो हम नई नीतियों और कार्यक्रमों की बात कर रहे हैं, जो जनता की भलाई के लिए होंगे।

अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस की मंशा अब देश के सामने आ गई है। सैम पित्रोदा कांग्रेस की नीतियां तैयार करते हैं, उनके बयान को हल्के में नहीं लेना चाहिए, कांग्रेस लोगों की संपत्ति को सरकारी क़ब्ज़े में लेकर मुसलमानों को देना चाहती है। अमित शाह ने कहा कि अगर कांग्रेस की ये मंशा नहीं है, तो अपने घोषणापत्र से सर्वे की बात हटा दे और खुलकर कहे कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का नहीं, ग़रीबों का है। सैम पित्रोदा तो अमेरिका में बयान देकर सो गए लेकिन यहां कांग्रेस के नेताओं की नींद उड़ गई। सैम के बयान पर विवाद बढ़ा तो कांग्रेस ने सफाई देने की कोशिश की। राहुल गांधी के राजनीतिक सलाहकार जयराम रमेश ने कहा कि सैम पित्रोदा उनके मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक रहे हैं लेकिन पित्रोदा ने Inheritance टैक्स पर जो कुछ कहा उनकी निजी राय है, इसका कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं, कांग्रेस सैम पित्रोदा के बयान से इत्तेफ़ाक़ नहीं रखती। जयराम रमेश ने कहा कि मोदी ने सनसनी फैलाने के लिए सैम पित्रोदा के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया है। बाधवार को इंडिया टीवी के चुनाव मंच कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तफ्सील से सैम पित्रोदा के बयान का मतलब समझाया। एस. जयशंकर ने कहा कि सैम पित्रोदा के बयान को अलग से देखना गलत होगा, ये कांग्रेस की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है, कांग्रेस का घोषणापत्र, कांग्रेस के नेताओं के बयान और अब सैम पित्रोदा का कथन यही दिखाता है कि कांग्रेस लोगों की संपत्ति का सर्वे कराना चाहती है और उसे किसी खास वर्ग को देना चाहती है।

सैम पित्रोदा की आदत है कि पहले आग लगाते हैं, फिर पानी छिड़कने की कोशिश करते हैं। ये वही सैम पित्रोदा हैं जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 1984 के सिखों विरोधी दंगों को लेकर कहा था कि “हुआ तो हुआ”। उनका ये बयान बड़ा मुद्दा बना था। मोदी ने चुनाव सभाओं में सैम पित्रोदा के बयान को उठाया था। उस वक्त भी कांग्रेस ने सैम के बयान को इनकी निजी राय कहकर खारिज किया था लेकिन नतीजा क्या हुआ, ये पूरे देश ने देखा। कांग्रेस की काफी कम सीटें आईं। इस बार चुनाव के दौरान सैम ने फिर मुंह खोला। अब कह दिया कि मौत के बाद व्यक्ति की संपत्ति में आधी सरकार के कब्जे में आनी चाहिए। राहुल गांधी लोगों की संपत्ति का सर्वे कराने और जरूरत से ज्यादा संपत्ति को सरकार के कब्जे में लेकर लोगों के बीच बांटने की बात पहले से कह रहे हैं। कांग्रेस ने सर्वे की बात घोषणापत्र में कही है। अब तीनों बातों को जोड़कर देखा जाए तो वही मतलब निकलता है, जो मोदी ने कहा। इसलिए इस मुद्दे पर कांग्रेस के लिए बचाव का कोई मौका नहीं हैं। चूंकि कांग्रेस ये कह रही है कि जिन लोगों के पास ज्यादा संपत्ति है, उनकी संपत्ति लेकर उन लोगों में बांटी जाएगी जिनके पास कुछ नहीं हैं। इसका मतलब सुधांशु त्रिवेदी ने बताया, कि जमीन जायदाद और पैसा तो उन्हीं लोगों के पास नहीं हैं, जो दूसरे देशों से आए हैं, जो घुसपैठिए हैं, और घुसपैठिए कौन हैं? कांग्रेस किसे संपत्ति देना चाहती है? ये मोदी बार बार बता रहे हैं। बुधवार को भी मोदी ने कहा कि कांग्रेस लोगों की संपत्ति अपने खास वोट बैंक को देना चाहती है। सरगुजा की रैली में मोदी ने कहा कि कांग्रेस, SC-ST और OBC के हिस्से का आरक्षण मुसलमानों को दे रही है, कर्नाटक इसका सबूत है जहां कांग्रेस सरकार है और वहां OBC कोटे से 4 प्रतिशत आरक्षण मुसलमानों को मिल रहा है।

                            (लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)