जनकल्याणी राजमाता अहिल्याबाई होलकर ने किया दर्शकों के हृदय को स्पर्श
सूरसदन प्रेक्षागृह में हुआ ऐतिहासिक नाटक का भव्य मंचन
हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
आगरा। नाट्यावलोकन कला एवं सांस्कृतिक संस्था,आगरा द्वारा प्रस्तुत ऐतिहासिक नाटक “जनकल्याणी राजमाता अहिल्याबाई होलकर” का भव्य मंचन शनिवार सायं सूरसदन प्रेक्षागृह,संजय प्लेस में हुआ। मंचन के दौरान सभागार तालियों की गूंज और भावनाओं से भरा नजर आया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्र.समाज सेवी पूरन डाबर ने नाट्य टीम की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे सांस्कृतिक आयोजन समाज में आदर्श मूल्यों को जीवित रखते हैं।
विशिष्ट अतिथि डॉ.आशीष गौतम भैया जी,संस्थापक -दिव्य प्रेम सेवा मिशन, हरिद्वार ने कहा कि यह नाटक न केवल एक ऐतिहासिक चरित्र का पुनर्जीवन है, बल्कि यह समाज में सेवा,न्याय और करुणा के आदर्श स्थापित करता है।
कार्यक्रम में भाजपा पू.जिला अध्यक्ष जितेन्द्र फौजदार एवं हिन्दुस्तान वार्ता (एच वी मीडिया) के स्टेट हैड धर्मेन्द्र कु.चौधरी की विशिष्ट अतिथि के रूप में गरिमामय उपस्थिति रही। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई जी जैसी नारीशक्ति का जीवन सच्चे नेतृत्व और जनकल्याण का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह प्रस्तुति कला और इतिहास का अद्भुत संगम है जो युवा पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ता है।
संयोजक प्रो.संजय चौधरी,निदेशक - ललित कला संस्थान,आगरा, ने नाट्यावलोकन संस्था की टीम को सफल प्रस्तुति के लिए बधाई दी।नाटक का लेखन पिंकी सिंह द्वारा गहन शोध के पश्चात् किया गया है,साहित्यिक इतिहास में अहिल्याबाई होलकर के जीवन पर आधारित यह दूसरा नाटक है,और नाटक का निर्देशन व परिकल्पना रोहित चौहान ने किया। वे रंगमंच और फिल्म जगत में सक्रिय एक प्रशिक्षित अभिनेता एवं निर्देशक हैं। उन्होंने भारतेंदु नाट्य अकादमी,लखनऊ से रंगमंच प्रशिक्षण और सत्यजीत रे फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान,कोलकाता से फिल्म ओरिएंटेशन का अध्ययन किया है। वे नाट्यावलोकन संस्था के सचिव हैं और आगरा में रंगमंचीय चेतना के विस्तार में एक प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।
मंच पर कलाकारों ने अपने उत्कृष्ट अभिनय, संवाद अदायगी और भावपूर्ण अभिव्यक्ति से दर्शकों को मुग्ध कर दिया। प्रकाश, संगीत और वेशभूषा का संयोजन भी प्रभावशाली रहा।
प्रेक्षागृह में उपस्थित दर्शकों ने नाटक के अंत में खड़े होकर कलाकारों का अभिवादन किया। यह प्रस्तुति न केवल एक ऐतिहासिक पुनर्स्मरण थी, बल्कि यह समाज में नारी शक्ति, न्याय और करुणा के संदेश को भी सशक्त रूप से प्रस्तुत करती रही।
इनकी रही विशेष उपस्थिति :
आयोजन में बीना शर्मा, विजय भदोरिया, पूर्व सदस्यु सुंदरी सीमा - परिहार, महाराज सिंह धनगर, मनीष राय समाजसेवी,पंकज शर्मा राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता,योगेश पुरी महंत, हरिहरपुरी प्रशासक मनकामेश्वर मंदिर,विनोद कुशवाह आदि की सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थिति सराहनीय रही।
कलाकारों में -
इति, ज्योति, अनिमिषा, रोहित चौहान, शैली गौतम, तनिष्का सिंह, आशीष चौहान, लखन,तनिष्का कुशवाह, कार्तिक,चिराग पोरवाल,प्रियांश,प्रियंका, राजीव, उत्कर्ष, युवराज सिंह,पार्थो सेन, पुरुषोत्तम, लवकेश, हरिओम, पुष्पेंद्र, मानिकशॉ, माही, वर्षा, राहुल कुशवंशी आदि प्रमुख थे।
मंच प्रबंधन -
हरिओम ,राहुल, चिराग,कर्तिक
निर्देशन - मंच डिजाइनर :
रोहित चौहान
प्रकाश परिकल्पना -
अनुज
संगीत -
तुषार
तकनीकी निर्देशक -
अमर गुप्ता
की उल्लेखनीय भूमिका रही।