एमिटी में शारीरिक हाव भाव एवं व्यापार कौशल विकास पर वेबिनार का आयोजन




नोयडा। (हि. वार्ता )

छात्रों को शारीरिक हाव भाव एवं व्यापार कौशल विकास के संर्दभ में जानकारी प्रदान करने के लिए एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में यूके के अॅाक्सफोर्ड के द आॅक्सफोर्ड इंस्टीटयूट आॅफ बाॅडी लैंग्वेज के सह संस्थापक एंव सीईओ श्री रेने डेसेनिक ने ‘‘ शारीरिक हाव भाव एंव व्यापार कौशल विकास’’ विषय पर व्याख्यान प्रदान किया। इस अवसर पर एमिटी ग्लोबल बिजनेस स्कूल की श्रीमती पी सुरेश ने श्री डेसेनिक का स्वागत किया।

वेबिनार में यूके के अॅाक्सफोर्ड के द आॅक्सफोर्ड इंस्टीटयूट आॅफ बाॅडी लैंग्वेज के सह संस्थापक एंव सीईओ श्री रेने डेसेनिक ने ‘‘ शारीरिक हाव भाव एंव व्यापार कौशल विकास’’ विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि शारीरिक हाव भाव किसी भी संवाद में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है और संवाद विशेषकर व्यापारिक संवाद का महत्वपूर्ण भाग एंव पहलू होते है। उन्होनें छात्रों से कहा कि अगर आप बड़े सपने देखते है तो उनका पीछा करें और उन्हे पूरा करने की कोशिश करें। शारीरिक हाव भाव को समझ कर आप किसी भी व्यक्ति के मस्तिष्क को पढ़ सकते है और वो भी समझ सकते है जो उन्होनें कहा ही नहीं या जो वो कहना चाहते है। श्री डेसेनिक ने कहा कि शारीरिक हावभाव का कोई व्याकरण नही होता या आपक भावनाओं पर निर्भर करता है। अविश्वसनियता पर विश्वास करें। जीवन में स्पष्टता होना आवश्यक है क्योकी स्पष्टता आपको उर्जा प्रदान करती है जो आपके शारीरिक हाव भाव को सशक्त बनाता है। उन्होनें नकली शारीरिक हाव भाव के संर्दभ में कहा कि केवल बेहतरीन कलाकार, अत्यधिक नशीले प्रदार्थो का सेवन करने वाले व्यक्ति ही नकली शारीरिक हाव भाव बना सकते है।

श्री डेसेनिक ने कहा कि मस्तिष्क दो भागों में विभाजित होता है प्रथम सचेत मस्तिष्क और असचेत मस्तिष्क। सचेत मस्तिष्क हमारे नियमित कार्यो के संचालन में सहायक होता है जबकी असचेत मस्तिष्क में जानकारियां, यादें जमा होती है। जब दो व्यक्ति बात करते है तो एक सचेत मस्तिष्क से दूसरे सचेत मस्तिष्क में 40 बिट डाटा प्रति सेकेंड की दर से स्थांतरित होता है वही असचेत मस्तिष्क से असचेत मस्तिष्क में 40 मिलियन डाटा प्रतिसेंकड के दर से स्थांतरित होता है। अपनी मानसिकता एंव विचारों को बदल कर स्वंय का विकास कर सकते है। उन्होनें छात्रों से कहा कि जीवन में अधिक समस्या और शीघ्र विकास में सहायक बनती है। छात्रों को सलाह देते हुए कहा कि कभी भी साक्षात्कार के दौरान अलग तरीके से दिखने की कोशीश ना करें जैसे है वैसे ही रहे बस पूरी तैयारी के साथ जाये। उन्होनें शारीरिक हाव भाव के विश्लेषण जैसे पैर, हाथ, बाहों, शरीर एंव सर की मुद्रा सहित सुनने के तरीके से विवेकशील या भावनात्मक, सक्रिय, तेज, अंर्तमुखी या बहमुखी के संर्दभ में जानकारी प्राप्त करने के बारें मे बताया।

श्री डेसेनिक ने कहा कि अगर सुबह पूरे उत्साह के साथ उठेगें तो दिन अच्छा गुजरेगा  ट्रैफिक जाम अपने पंसद के संगीत सुनने का सबसे बेहतरीन समय होता है। इसके अतिरिक्त उन्होनें छात्रों को हाथ मिलाने के सही एंव गलत तरीके, किसी भी वस्तु को दर्शाने के तरीके, किसी को पकड़ने या जेब में हाथ रखने, बेल्ट पर हाथ रखने या बांह मोड़ कर खड़े होने आदि मुद्राओं के विभिन्न पहलुओं के संर्दभ में जानकारी प्रदान की। उन्होनें छात्रों से कहा कि उर्जावान बनें और तैयारी में जुट जायें अभी भी देर नही हुई।

इस अवसर पर छात्रों एंव शिक्षकों ने श्री रेने डेसेनिक से कई प्रश्न किये जिनके उन्होनें जवाब प्रदान किये।