उचित समय पर कीटनाशकों का प्रयोग कर,आलू बचायें : उद्यान निदेशक



- उद्यान निदेशक ने किसानों को दी जानकारी।

आगरा।(प्रवीन शर्मा)

 सब्जियों के राजा आलू को झुलसा रोग से बचाने के लिए   उप निदेशक उद्यान कौशल कुमार नीरज ने किसानों को कई जानकारियों से अवगत कराया है। 

उन्होंने बताया कि केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान के 

मेरठ स्थित क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र ने एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि संस्थान द्वारा विकसित इंडो - ब्लाइटकास्ट से पिछैता झुलसा बीमारी का पूर्वानुमान लगाया जा  सकता है।  इसके अनुसार मौसम की अनुकूलता के आधार पर आलू की फसल में पिछैता  झुलसा बीमारी निकट भविष्य में होने की संभावना रहती है। उन्होंने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि जिन किसानों ने अभी तक अपनी आलू की फसल में फफूंद दवा का छिड़काव नहीं किया है, या जिनकी आलू की फसल में अभी तक या बीमारी प्रकट नहीं हुई है वे  अपनी आलू की फसल में मैनकोज़ेव/प्रोपीनेव/ क्लोरोथैलोनील युक्त  फफूंद नाशक 20-35 किग्रा दवा को  3 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर में छिड़काव करें। इसके अलावा जिन खेतों में या बीमारी प्रकट हो गई है  वहां  फफूंद नाशक साईंमोक्सेनिन और 3 किग्रा मैनकोज़ेब का प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। उन्होंने बताया कि  फफूंद नाशक को 10 दिन के बाद दोहराया जा सकता है। इसके साथ ही बीमारी की तीव्रता के आधार पर इस अंतराल को घटाया बढ़ाया जा सकता है।