नयी बिजली दर को अंतिम रूप देने से पहले नियामक आयोग ने बुलाई बैठक कोविड राहत टैरिफ प्रस्ताव के लिए निर्णायक भूमिका निभाएगा परिषद




प्रेम शर्मा,लखनऊ। 

एक तरफ बिजली कम्पनियाॅ बिजली दर बढ़ाने की जुगाड़ में लगी है तो दूसरी तरफ उपभोक्ता परिषद कोरोना काल में बेरोजगार रहे लोगों और भीषण महंगाई से जुड़ रही जनता को कोविड राहत बिजली दरें निर्धारित करने के लिए प्रयासरत है। नियामक आयोग ने बिजली दर घोषित करने से पूर्व एक और बैठक 21 जून को बुलाई है। उपभोक्ता परिषद का कहना है कि इस बैठक में उपभोक्त परिषद उपभोक्तओं की तरफ से निर्णायक भूमिका निभायेगा। बिजली कम्पनियो द्वारा दाखिल बिजली दर प्रस्ताव वर्ष 2021-22 स्लैब परिवर्तन ट्रूप वर्ष 2019-20 को फाइनल रूप दिए जाने को लेकर विद्युत नियामक आयोग ने राज्य सलाहकार समिति की 21 जून  2021 को विडिओ कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये  महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है जो नियामक आयोग चेयरमैन आरपी सिंह की अध्यक्षता में होगी माना जा रहा है। राज्य सलाहकार समिति की बैठक के बाद नियामक आयोग बिजली दर को अंतिम रूप दे देगा। इस बैठक में प्रदेश सरकार के 4 प्रमुख सचिव कम्पनियो से 2 प्रबंध निदेशक सहित अनेको उच्चाधिकारी व उपभोक्ता प्रतिनिधि भाग लेगें।

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने  कहा प्रदेश के उपभोक्ताओ की तरफ से उपभोक्ता परिषद् राज्य सलाहकार समिति की मीटिंग में कोरोना संकट से परेशान घरेलु किसानो व वाणिजियक उपभोक्ताओ को राहत दिलाने के लिए कोविड राहत टैरिफ प्रस्ताव को लागु करने के लिए पूरी ताकत झोकेगा।उपभोक्ता परिषद् आयोग के सामने पूरी मजबूती से यह तथ्य रखेगा कि प्रदेश के उपभोक्ताओ का बिजली कम्पनियो पर जो लगभग रुपया 19537 करोड़ रुपया निकल रहा है उसके एवज में उपभोक्ता परिषद् के कोविड राहत टैरिफ प्रस्ताव को आयोग अनुमोदित कर प्रदेश के उपभोक्ताओ को राहत दिलाने की दिशा में अहम् निर्णय ले।

 उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने  कहा कितना चैकाने वाला मामला है की नियामक आयोग ने उपभोक्ता परिषद् के कोविड राहत टैरिफ प्रस्ताव पर 7 दिन में रिपोर्ट पावर कार्पोरेशन से मांगी थी लेकिन आज 20 दिन से ज्यादा होने को है बिजली कम्पनिया कोई जबाब नहीं दे पायी है जब की उपभोक्ता परिषद् ने सुनवाई के दौरान ही उपभोक्ताओ की बिजली दरों में कमी के लिए जो कोविड राहत टैरिफ प्रस्ताव दाखिल किया गया था उस पर किसी भी चर्चा के लिए पावर कार्पोरेशन को आमंत्रित किया गया लेकिन पावर कार्पोरेशन सुनवाई में चुप रहा और अब प्रदेश की जनता को राहत देने के लिए तैयार नहीं है। इसीलिए उपभोक्ता परिषद् के प्रस्ताव पर अभी तक कोई भी जबाब नहीं दाखिल किया गया जो बहुत ही चिंता का विषय है ।