सिस्टर निवेदिता के नाम पर ‘निवेदिता हाउस’ का शुभारंभ।





 हि.वार्ता।शाश्वत तिवारी।

भारतीय विदेश मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना कौशल विकास के माध्यम से मलेशिया में रह रही भारत की महिलाओं को सशक्त बनाने में जुटा हुआ है। इस दिशा में मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाते हुए सोमवार को मलेशिया स्थित राम कृष्ण मिशन में सिस्टर निवेदिता के नाम पर ‘निवेदिता हाउस’ का शुभारंभ किया है।


जानकारी के अनुसार निवेदिता हाउस मलेशिया में रह रहीं भारतीय विधवा एवं परित्यक्ता महिलाओं को सशक्त बनाएगा।इस बारे में मलेशिया स्थित भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट कर जानकारी दी है। 

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निवेदिता हाउस भारतीय विधवा एवं परित्यक्ता महिलाओं के लिए करेगा कार्य

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अपने ट्वीट में उच्चायोग ने लिखा कि ‘उच्चायुक्त मृदुल कुमार ने मलेशिया स्थित राम कृष्ण मिशन में भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित ‘निवेदिता हाउस’ का उदघाटन किया।’ ट्वीट में उच्चायोग ने आगे लिखा कि ‘आरके मिशन के साथ हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन के तहत यह हाउस मलेशिया में भारतीय महिलाओं के ठहरने और उनके कौशल विकास में सहायता प्रदान करेगा।’


कौन थीं सिस्टर निवेदिता:

सिस्टर निवेदिता एक ब्रिटिश-आइरिश सामाजिक कार्यकर्ता, लेखिका, शिक्षक एवं स्वामी विवेकानन्द की शिष्या थीं।  सिस्टर निवेदिता का परिचय स्वामी विवेकानन्द से लन्दन में सन 1895 में हुआ जिसके बाद वे सन 1898 में कोलकाता (भारत) आ गयीं। स्वामी विवेकानन्द से वह इतनी प्रभावित हुईं कि उन्होंने न केवल रामकृष्ण परमहंस के इस महान शिष्य को अपना आध्यात्मिक गुरु बना लिया बल्कि भारत को अपनी कर्मभूमि भी। स्वामी विवेकानंद के देख-रेख में ही उन्होंने ‘ब्रह्मचर्य’ अंगीकार किया।