पंचकल्याणक महामहोत्सव में आज होगा तीर्थंकर बालक का जन्म।

     





हिन्दुस्तान वार्ता :राजेश प्रजापति

इटावा। तीर्थंकर वे ही प्राणी बनते है जो भव्य होते है, सम्यकदृष्टि होते है जिनका मनुष्य प्रकृति नामकर्म है, तथा जिनके मात्र दो ही भव मात्र शेष रह रहे है वह तीर्थकर वन सकते है। आज कल्याणक की उत्तर रूप भूमिका है। हम सभी अच्छी भावना भाये तो एक दिन हम भी परमात्मा वन सकते है। लेकिन भाग्यवान बनने से पहले सच्च इंसान जरूर बनना चाहिए। 

यह उद्गार गणाचार्य विराग सागर जी महाराज ने पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव के दूसरे दिन अयोध्या नगरी रामलीला में व्यक्त किये। 

इससे पूर्व मुनि श्री विहसंत सागर जी महाराज के सानिध्य में प्रतिष्ठाचार्य पं. अजित कुमार शास्त्री, पं. संदीप शास्त्री मेहगांव द्वारा जिनाभिषेक, नित्यार्चना गर्भ कल्याणक पूजन प्रारम्भ करायी। प्रातः 8.30 बजे गणाचार्य विराग सागर जी महाराज एवं आचार्य प्रमुख सागर जी महाराज ससंघ सहित मंच पर विराजमान हुए। जिनका पाद प्रछालन श्री दिगम्बर जैन विकास समिति के पदाधिकारियों द्वारा किया गया जब कि शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य अभय कुमार जैन बकेवरिया परिवार का प्राप्त हुआ। दोपहर 12 बजे याज्ञमण्डल विधान प्रारम्भ हुआ जिसमें भगवान के माता पिता बने प्रदीप जैन, रचना जैन, सौधर्मइन्द्र तरूण जैन, रविता जैन, कुबेर इन्द्र अनूप जैन, सविता जैन, महायज्ञनायक अरविन्द जैन, सुनीता जैन, यज्ञ नायक अनिल जैन, महेश जैन रपरिया सहित अन्य इन्द्रगणों द्वारा भक्ति भाव के साथ विधान किया। 

दोपहर 3.30 बजे से माता मरू देवी की गोद भराई एवं महिला संगीत, 4 बजे आचार्य संघ की दिव्य देशना  के साथ शाम 6.30 बजे से महाआरती का आयोजन किया गया। रात्रि 8 बजे गर्भकल्याणक उत्तर रूप, महाराज नाभिराय का दरबार, महाराज द्वारा स्वप्नों का फलादेश, छप्पन कुमारियों द्वारा भेंट समर्पण, गर्भ कल्याणक की आन्तरिक क्रियाएं के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

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गर्भपात न कराने का लिया संकल्प 

इटावा। पंचकल्याणक महोत्सव के दूसरे दिन गर्भकल्याणक उत्तर रूप मनाया गया। जिसमें गणाचार्य विराग सागर जी ने तीर्थकर बालक के गर्भ में आने विषयक प्रवचन हजारों जनसमूह के मध्य दिये। इसके साथ ही गणाचार्य विराग सागर जी महाराज ने हजारों महिलाओं को संकल्प दिलाया कि वह किसी भी परिस्थिति में गर्भपात नहीं करायेगी। इसके साथ ही उन्होंने पुरूषों को भी संकल्प दिलाया कि वह गर्भपात कराने केभागी नहीं बनेगे। 

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माता की हुई गोद भराई, नाभिराय का सजा दरबार 

इटावा। तीर्थकर बालक की माता बनी रचना जैन की पंचकल्याणक महोत्सव के मंच पर उल्लास एवं भव्यता के साथ गोद भराई की गयी। इटावा सहित बाहर से आए हजारों श्रद्धालुओं ने माता की बारी-बारी से गोद भरी और जमकर भजन गाएं। वहीं रात्रि में तीर्थंकर बालक के पिता बने प्रदीप जैन राजा नभिराय का दरबार सजा जिसमें माता के सोलह स्वप्न का फलादेश एवं छप्पन कुमारियों द्वारा भेंट समर्पण किया गया।

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पंचकल्याणक में आज

प्रातः 6.30 बजे - जिनाभिषेक, नित्यार्चना

प्रातः 8 बजे - तीर्थकर बालक का जन्म, अयोध्या नगरी में बधाईयां, नृत्य 

प्रातः 9 बजे - आचार्य श्री संघ की दिव्य देशना

दोपहर 10.00 बजे - सौधर्म इन्द्र सभा, सौधर्म इन्द्र द्वारा अयोध्या नगरी में आगमन, तीर्थकर बालक को ऐरावत हाथी पर बैठाकर पाण्डुक वन की ओर प्रस्थान व 1008 कलशों द्वारा अभिषेक, जन्म कल्याणक पूजन

मध्यान्ह 4.00 बजे - आचार्य श्री संघ की दिव्य देशना

रात्रि 6.30 बजे - महाआरती, शास्त्र सभा

रात्रि 8.00 बजे - तीर्थकर बालक का पालना, बाल क्रीडा का मनोहारी दृश्य, सांस्कृतिक कार्यक्रम