आइ० ए० पी० एस०' का राष्ट्रीय वैज्ञानिक अधिवेशन आज ४ दिसम्बर से।



हिन्दुस्तानवार्ता।

  प्रतिष्ठित अन्तरराष्ट्रीय वैज्ञानिक संस्थान 'आइ० ए० पी० एस०' (इण्टरनेशनल ऐकडेमी ऑव़ फ़िजिकल साइंसेस), प्रयागराज की ओर से आगरा विश्वविद्यालय, आगरा के सौजन्य से मूल विषय 'इण्टर-डिसिप्लीनरी रिसर्च इन साइंसेस' (विज्ञान में अन्तर्विषयीय अनुसंधान) पर त्रिदिवसीय (४-५-६ दिसम्बर) राष्ट्रीय वैज्ञानिक अधिवेशन का आयोजन आगरा विश्वविद्यालय में किया जाना सुनिश्चित हुआ है।

    इस अन्तरराष्ट्रीय संस्थान के नव-मनोनीत मीडिया-प्रभारी  आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय के अनुसार, इस अधिवेशन में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और उच्चस्तरीय वैज्ञानिक संस्थानों के सम्मानित प्राध्यापक-सहित देश के समस्त राज्यों के प्रतिष्ठित विज्ञानियों का प्रतिनिधित्व रहेगा।४ दिसम्बर को उद्घाटन-सत्र में संस्थान के महासचिव और अन्तरराष्ट्रीय गणितविज्ञानी प्रो० पारसनाथ पाण्डेय संस्थान का गतिविधि-विवरणपत्र प्रस्तुत करेंगे। इसी सत्र में ३५ वर्ष से कम अवस्थावाले विज्ञानियों को 'यंग साइण्टिस्ट एवार्ड' से आभूषित किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि इस ऐकडेमी की ओर से गत २६-२७-२८ अक्तूबर को एक आन्तर्जालिक अन्तरराष्ट्रीय अधिवेशन किया गया था, जिसे विश्व के ५८ देशों और भारत के २१ राज्यों के २५ प्रमुख विश्वविद्यालयों तथा वैज्ञानिक-प्रौद्योगिक संस्थानों की ओर से आयोजित और प्रसारित किया गया था, जिसमें लगभग ८ हज़ार सम्मानित प्रतिनिधियों की सहभागिता थी और उसी अवसर पर पुरस्कृत किये जानेवाले विज्ञानियों का चयन किया गया था।

  उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए 'प्रो० एच० पी० दीक्षित मेमोरियल एवार्ड'  और 'पी० आर० शर्मा मेमोरियल एवार्ड' से क्रमश: डॉ० मनीष कुमार गुप्ता (सहायक प्राध्यापक-- गणित, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर (छत्तीसगढ़) और डॉ० धर्मेन्द्र त्रिपाठी (सह-आचार्य-- नेशनल इंस्टिट्यूट ऑव़ टेक्नोलॉजी, श्रीनगर (उत्तराखण्ड) को विभूषित किया जायेगा। इनके अतिरिक्त ११ विज्ञानियों को 'फेलो एवार्ड' और 'एसोसिएट फेलो एवार्ड' का सम्मान प्रदान किया जायेगा। इसी अवसर पर ऐकडेमी के द्विभाषी ई० विवरणपत्र' के मुद्रित संस्करण का लोकार्पण किया जायेगा।

   दूसरे और तीसरे दिन आये हुए प्रतिनिधि अपने-अपने अनुसंधान और शोधपत्र का वाचन करेंगे।

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 इस ऐकडेमी के महासचिव, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व- गणित-विभागाध्यक्ष, नेहरू ग्राम भारती विश्वविद्यालय के पूर्व-कुलपति तथा अन्तरराष्ट्रीय विज्ञानी प्रो० पारसनाथ पाण्डेय ने बताया है,''मनुष्य अपनी सुख-सुविधाप्राप्ति की लालसा से उत्पन्न जटिलताओं में उलझता जा रहा है, जिससे उसकी मुक्ति के लिए विज्ञान में अन्तर्विषयीय अनुसन्धान एकमात्र विकल्प दिखता है। हमने इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए इस ऐकडेमी की स्थापना इलाहाबाद में की थी।"

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