पूरी दुनिया की निगाहें: भारत ने ग्रहण की जी-20 की अध्यक्षता।



हिन्दुस्तान वार्ता।

भारत ने औपचारिक रूप से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण कर ली है। इस मौके को खास बनाने के लिए केंद्र ने विशेष तैयारियां की हैं।इस अवसर पर देश भर में 100 से अधिक स्मारकों पर G-20 लोगो को दिखाया जाएगा। भारत, जी-20 में संस्कृति, सांस्कृतिक विरासत, विविधता और 75 वर्षों की अपनी उपलब्धियों और प्रगति को भी पेश करेगा। 

 विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार भारत अपनी अध्यक्षता में अगले साल 9 और 10 सितंबर को जी-20 के नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। पहली तैयारी बैठक 4-7 दिसंबर को उदयपुर में होगी। 

यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम में बोले विदेश मंत्री:

यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम में बोलते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत की G-20 अध्यक्षता परामर्शी, सहयोगी और निर्णायक होगी। युवाओं को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि युवा न केवल जी-20 गतिविधियों के बारे में जागरूक हों, बल्कि पीएम द्वारा आज बताए गए भारत के दृष्टिकोण से भी अवगत हों।

विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के बयानों का हवाला देते हुए लिखा कि जैसा कि हम आज जी-20 की अध्यक्षता संभाल रहे हैं, यह एकता की सार्वभौमिक भावना को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा। यह प्रकाशित करता है कि हमारी G-20 प्राथमिकताओं को न केवल G-20 भागीदारों बल्कि ग्लोबल साउथ में हमारे साथी यात्रियों के परामर्श से आकार दिया जाएगा। पीएम मोदी की बातें इस बात को रेखांकित करतीं हैं कि आज की बड़ी चुनौतियों का समाधान आपस में लड़कर नहीं बल्कि मिलकर काम करके किया जा सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत का एजेंडा समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्रवाई उन्मुख और निर्णायक होगा।

 विदेश मंत्रालय की तरफ से आयोजित ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट के सातवें संस्करण में भी विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था कि भारत जी-20 की अपनी अध्यक्षता के दौरान दक्षिणी एशियाई देशों के मौजूदा हितों और चिंताओं को प्रमुखता के साथ दुनिया के सामने रखना चाहेगा।

(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)