हिन्दुस्तान वार्ता।
आगरा: प्रोग्रेशिव एसोसिएशन ऑफ पेरेंट्स"टीम पापा" के संरक्षक / संस्थापक मनोज शर्मा ने संस्था के अन्य संस्थापको प्रवीन सक्सेना , दीपक वर्मा,अरुण मिश्रा के साथ जनपद आगरा के मनमानी कर रहे निजी विद्यालयों के खिलाफ ज्ञापन, जिला अधिकारी के नाम, जिला अधिकारी कार्यालय दिवस अधिकारी ए सी एम थर्ड श्रीमान पांडेय जी को सोपते हुए बताया, कि संस्था ने पूर्व में भी अवगत करवाया है, संस्था ने आगरा से जनहित याचिका संख्या 1196/2020 प्रयागराज में दाखिल की थी, जिस पर मा0 न्यायालय ने सत्र 2020- 21 के सालाना शुल्क में से 15% शुल्क वापिस का आदेश किया है। जिस पर शासन ने शासनादेश जारी किया है,जनपद आगरा के जिला विद्यालय निरीक्षक भी इस पर विद्यालयों को 2 बार सूचना दे चुके हैं, मगर अनेक विद्यालयों के अभिभावकों से सूचना प्राप्त हो रही है कि विद्यालय अभिभावक शोषण के साथ साथ मा0 उच्च न्यायालय के निर्देश व राजज्ञा का उलंघन कर रहे हैं।
बहुत से विद्यालय 15% प्रतिशत शुल्क वापिस ही नही करना चाहते। वे अभिभावकों को तरह तरह के बहाने बना रहे हैं,जैसे:
1- दिल्ली पब्लिक स्कूल ने अभिभावकों को मौखिक यह कह कर शुल्क वापिस करने से मना कर दिया कि उनका विद्यालय दिल्ली से संचालित होता है, उत्तर प्रदेश के नियम उनके विद्यालय पर लागू नही होते है ।
2 - अनेक विद्यालयों में कहा जाता है,उनके यहाँ कोई आदेश नही आया है।
3 - कुछ विद्यालय कहते है, सत्र 2020-21 की फीस बुक की कॉपी लगाओगे तो ही विद्यालय कुछ निर्णय लेगा ।
4 - महत्वपूर्ण - बहुत से विद्यालयों ने शुल्क वापिस करने के लिये एक्सपाइरी डेट दे दी है।
वो भी जब विद्यालय ने विद्यालय अभिभावकों को कोई सूचना तक नही दी है,कि उनका विद्यालय शुल्क वापिस कर रहा है।
संस्था चाहती है कि लगातार राज आज्ञा ( शासनादेश ) को हवा में उड़ाते आ रहे हैं।
ऐसे विद्यालयों के लिये प्रदेश सरकार की शिक्षा नीति, अधिनियम 2018 के तहत, प्रथम दण्ड शुल्क 100000 (1 लाख रुपये) लगाये जाने का अनुरोध करती है।
ताकि निजी विद्यालयों की मनमानियों से कार्य करने पर अंकुश लग सके व जनपद आगरा के अभिभावकों को मा0 न्यायालय व राजज्ञा के तहत 15% शुल्क अभिभावक अधिकार से वापिस प्राप्त कर सकें ।