पंडित प्रेम प्रकाश महाराज,कथा व्यास के श्री मुख से "ऊधौ−गोपी संवाद" सुन,भावुक हुए भक्त।

 

                     

                     

   

हम प्रेम दिवाने हैं,वो प्रेम दिवाना,ऐ उधौ हमें ज्ञान की पोथी न पढ़ाना।

 एचआईजी फ्लैट्स,संजय प्लेस स्थित श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में भागवत कथा का छठवां दिन।

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। ये प्रेम की बात हैं, हां प्रेम की बात। दैहिक या भाैतिक नहीं अपितु आध्यात्मिक विशुद्ध भक्तिमय प्रेम की बात। जीवात्मा की पीड़ा अपने परमात्मा से मिलन की। जब इस पीड़ा को शब्द मिले तो मेरे और मोहन की बातें या मैं जानूं या वो जानें। दिल के दुखदर्द भरी बातें या मैं जानू या वो जानें….गीत के स्वर स्फुटित हुए। 

एचआईजी फ्लैट्स, संजय प्लेस स्थित श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में उद्धव और गोपी संवाद सहित शरद पूर्णिमा पर रास लीला, कंस वध की लीला और रुक्मिणी विवाह प्रसंग हुआ। पंडित प्रेम प्रकाश महाराज ने कथा के छठवें दिन इन सभी प्रसंगों का बखान भावुकता से किया। कथा व्यास ने कहा उधाै गोपियों को  समझाते हैं कि कृष्ण से प्रेम क्यों करती हो। वो तो साकार हैं। तुम निराकार ब्रह्म में अपना मन लगाओ। गोपियां नाराज होकर कहती हैं मन तो एक ही है और वो कृष्ण के साथ है। साथ ही ये भी कहती हैं कि उसकी याद करते− करते हमारे प्राण निकल जाएंगे किंतु हम तो उसके इंतजार में करोड़ाें वर्ष जीवित रह सकती हैं।

 इसके बाद उन्होंने श्रीकृष्ण−जरासंध युद्ध और द्वारिका की स्थापना के साथ ही बलराम रेवती विवाह और फिर भगवान श्रीकृष्ण का रुक्मिणी के साथ विवाह प्रसंग हुआ। रुक्मिणी चांदनी माहेश्वरी और श्रीकृष्ण शशांक माहेश्वरी बने। जजमान जजमान निलेश शाह और गिरीश बंसल थे। इस अवसर पर आरती सहमा, विनीत अग्रवाल, अमित गुप्ता, सुमेर सिंह, रंजीत सुमन, नानी जी, बीना अग्रवाल, सरला शाह, कंचन गुप्ता, हरी नारायण चतुर्वेदी सहित समस्त कॉलोनीवासी उपस्थित रहे।