प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल,प्रांगण में उदयन केयर के आगरा अध्याय के तृतीय प्रेरण समारोह का आयोजन।

 


अभी तो धरती नापी है,

आसमान पूरा बाकी है।

इनकी उड़ान की हदें तय करो न,

पंख फैलाना अभी बाकी है।।

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा: 24 सितम्बर,समाज में हमारे आस-पास ऐसी अनेक प्रतिभाएँ हैं, जिनमें कुछ अलग और नया करने की चाह तो है, परंतु उनकी आर्थिक स्थिति उन्हें ऐसा करने से रोक देती है। खासकर वंचित वर्ग की बेटियाँ जिन्हें अच्छी शिक्षा दे  पाना उनके परिवार वालों के लिए असंभव-सा प्रतीत होता है। ऐसे में अभावग्रस्त परिवारों से ताल्लुक़ रखने वाली कई लड़कियाँ उच्च शिक्षा ग्रहण करना तो दूर कॉलेज का मुँह तक नहीं देख पातीं।

ऐसे में 'उदयन शालिनी फैलोशिप' कार्यक्रम उनके लिए एक सहारा बनकर उभर रहा है और उन्हें शिक्षा देने के साथ-साथ जीने का सलीका भी सिखा रहा है। इस संस्था ने सुशिक्षित समाज की अलख जगा इन लड़कियों में पैदा हुए आत्मविश्वास से सामाजिक बदलाव की भी नींव रख दी है,जिससे बेटियाँ पढ़ भी रही हैं और आगे बढ़ भी रही हैं।

 संस्था की ओर से सहायता पाकर अनेक लड़कियाँ विभिन्न क्षेत्रों में सफलता के नए आयाम स्थापित कर चुकी हैं। 

'उदयन केयर' एक भारतीय एनजीओ (पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट) है जिसे 1994 में पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत किया गया था, जो कमजोर बच्चों, महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाने के लिए काम करता है। इसने भारत के 15 राज्यों के 28 शहरों में  30,000 से अधिक बच्चों, महिलाओं और युवाओं के जीवन को प्रभावित किया है। इसकी शुरुआत 1996 में एक छोटे से परिवार के घर से हुई थी, जिसे 'उदयन घर' के नाम से जाना जाता है और अभी भी इसी क्षेत्र में कार्यरत है। 

'उदयन केयर' ने समाज के अयोग्य वर्गों की लड़कियों के लिए एक अनूठा शिक्षा सह परामर्श कार्यक्रम तैयार किया है, जिसे 'उदयन शालिनी फैलोशिप'* कहा जाता है। 'उदयन शालिनी फैलोशिप' कार्यक्रम की शुरूआत वर्ष 2002 में 72 कन्याओं के साथ दिल्ली में हुई। यह कार्यक्रम यह सुनिश्चित करता है कि छात्राएँ अपना स्नातक पूरा करें और एक प्रतिष्ठित, स्वतंत्र एवं सामाजिक रूप से जिम्मेदार महिला बनें।

 यह उनके आत्म सम्मान, कौशल, करियर विकल्प और रोजगार क्षमता को विकसित करने के लिए वित्तीय सहायता, व्यक्तिगत सलाह और कार्यशालाएँ प्रदान करता है एवं उनमें सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देकर उन्हें सम्मानित महिलाओं में परिवर्तित कर देता है। 

अब तक इस कार्यक्रम के अंतर्गत 13000 छात्राएँ लाभ उठा चुकी हैं, जिनमें से 68 पीएच.डी.,33 डॉक्टर,20 फार्मासिस्ट,148 नर्स, 6 फिजियोथेरेपिस्ट, 61 चार्टर्ड एकाउंटेंट, 853 उद्यमी,191 इंजीनियर और 384 शिक्षक और लगभग 4500 (व्यावसायिक पाठ्यक्रम सहित) यूएसएफ के स्नातक हैं। वर्तमान में 2700 के लगभग शालिनी कार्यरत हैं और कुछ अब प्रायोजक भी हैं।

वर्तमान में हमारे पास 1005 से अधिक मेंटर और 761 से अधिक मेंटर दीदी हैं, जिनमें 449 तो भूतपूर्व छात्र ही हैं।आगरा अध्याय की शुरुआत 2021 में शिक्षादान फाउंडेशन के सहयोग से 50 लड़कियों के साथ की गई थी, जो आज बढ़कर 107 हो गई है।

इसी श्रृंखला में दिनांक 24 सितंबर, 2023 दिन रविवार को प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल,दयालबाग के प्रांगण में उदयन केयर के आगरा अध्याय के तृतीय प्रेरण समारोह का आयोजन किया गया।

 आगरा में इस वर्ष 30 लड़कियाँ 'उदयन केयर' के 'उदयन शालिनी फैलोशिप' परिवार का हिस्सा बनी हैं। संस्था की ओर से प्रत्येक छात्रा को शैक्षिक कार्यों हेतु 10 हजार रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है, जो उनके बैंक खाते में स्थानांतरित कर दी जाएगी।

 इस अवसर पर दीप प्रज्वलन के बाद अतिथिगणों का प्रकृति की अमूल्य धरोहर नवांकुर प्रदान कर स्वागत किया गया। संस्था की संस्थापक प्रबंध ट्रस्टी डाॅ. किरन मोदी ने गर्मजोशी के साथ उदयन केयर संस्था का सभी से परिचय कराया। डाॅ. किरन मोदी ने डाॅ. सुशील गुप्ता का सहृदय आभार व्यक्त किया। उन्होंने आगे कहा कि डॉ.गुप्ता किसी भी तरह की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहते हैं, जिसके लिए पूरा उदयन परिवार उनका आभारी है। उन्होंने सभी शालिनी बालिकाओं को हर मुश्किल का सामना कर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

तत्पश्चात् आकांशी व अंशिका ने सभी गणमान्य व्यक्तियों व समस्त शालिनियों को शपथ दिलाई। 

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती आरुषि मिश्रा,भारतीय वन सेवा ने उदयन केयर के कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए छात्राओं का उत्साहवर्धन किया और कहा कि छात्राओं को अर्जुन की भाँति अपने उद्देश्य की ओर एकाग्रचित्त रहना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि उदयन एक प्रेरणास्रोत है, जो कठिनाइयों को ही अपनी ताकत बनाकर नारी शक्ति को निखार रहा है।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सी.ए.नवनी भारतीय शोभायमान थीं। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही हमारा चरित्र निर्माण करके हमें सजग, संपन्न व संपूर्ण बनाती है। उन्होंने आगे कहा कि हमें हमेशा खुली आंँखों से सपने देखने चाहिए क्योंकि ऐसे सपने ही साकार होते हैं। 

सलाहकार समिति सदस्य,डाॅ. सुशील गुप्ता,अध्यक्ष अप्सा ने अपनी अमूल्य व मधुर शब्दावली द्वारा आशीर्वचन देते हुए कहा कि उन्होंने अनेकानेक प्रकार की समाजसेवा की है परंतु उदयन परिवार में सम्मिलित होकर इन लड़कियों को गोद लेकर पाँच वर्ष तक उनके शिक्षण कार्यक्रम व कार्यशालाओं का आयोजन करना अभी तक के समस्त कार्यों में सर्वोपरि एवं संतोषजनक है। उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक छात्रा को अपना आदर्श स्थापित करके प्रगति के पथ पर निरंतर बढ़ते रहना है।

इस अवसर पर लाभार्थी बालिकाओं के अभिभावकों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। तन्वी नामक शालिनी के पिताजी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस संस्था के द्वारा ही उनकी बेटी के जीवन का अंधकार एक नवीन प्रकाश में परिवर्तित हो गया है। वहीं अंशिका नामक शालिनी के पिता ने अत्यंत भावुक होते हुए सभी का आभार व्यक्त किया कि उदयन संस्था की वजह से ही उनकी बेटी अपने सपनों को साकार कर सकती है।

पी.एस.ओबेरॉय जी के मधुर गीत ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। अंत में जॉन प्रदीप उलरिक द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम का समापन आकर्षक नृत्य प्रस्तुतीकरण व सामूहिक चित्र के साथ हुआ। कार्यक्रम का सफल संचालन कोमल नामक शालिनी ने अत्यंत ही प्रभावशाली रूप से किया। 

समारोह में डॉ.किरन मोदी, आशीष सिंह, डॉ. सुशील गुप्ता, दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से अखिल दीक्षित, अरविंद श्रीवास्तव, संजय शर्मा, नरेंद्र कुशवाह, जॉन प्रदीप उलरिक, पी.एस.ओबेरॉय, डॉ. नीलम मेहरोत्रा,आशीष चक्रवर्ती, जगप्रीत सिंह सचदेवा,भावना रघुवंशी, सी.ए.ऋचा बिंदल गोयल, दिव्या कालरा, प्रतिभा कुलश्रेष्ठ, विजय कुमार अग्रवाल, शैफालिका श्रीवास्तव, बिंटी कौशल, प्रतिभा सुनीति शॉ,मोहित महाजन उपस्थित रहे।