"इच्छा नहीं होती" के पीछे बड़ा कारण हो सकता है,एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी।

                  


- खुलकर बोलेंगी तभी शादीशुदा जिंदगी का आनंद ले सकेंगी।

- कम उम्र में भी महिलाओं में कमी हो रही एस्ट्रोजन हार्मोन की।

− नॉर्थ जोन आईएमएसकॉन 2023 का हुआ के दूसरे दिन हुआ सेक्सुअल हेल्थ पर भी चिंतन।

− बड़ोदरा से आईं डॉ.बीनल शाह के योगा सत्र से आरंभ हुआ दूसरे दिन की कॉन्फ्रेंस का।

− पब्लिक फोरम सत्र में विशेषज्ञों ने किया महिलाओं की समस्याओं का समाधान,दूर की भ्रांति के साथ मीनोपॉज सोसायटी की कान्फ्रेंस का समापन।

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। सेक्सुअल हेल्थ ऐसा विषय है जिसपर महिलाएं डॉक्टर से तो दूर अपनी पति तक से दिल की बात, अपने शरीर में हो रहे बदलावों को साझा नहीं कर पाती हैं। खुलकर न बोलने के कारण अवसाद समेत न जाने कितनी बीमारियों की शिकार बन जाती हैं। बेहतर है पति पत्नी एक दूसरे को समय दें, एक दूसरे की तारीफ करें।यह कहना था शिमला से आए डॉ.आलोक शर्मा और लखनऊ की डॉ.पूनम मिश्रा का।

होटल क्लार्क्स शीराज में चल रही नॉर्थ जोन आईएमएसकॉन 2023 के दूसरे दिन विभिन्न सत्रों के साथ पब्लिक फोरम भी रखा गया। नॉर्थ जोन इंडियन मीनोपॉज सोसायटी की कॉन्फ्रेंस में दूसरे दिन शत्रु की शुरुआत से पहले बड़ोदरा की डॉ बीनल शाह ने योग करवाया। सेक्सुअल हेल्थ जैसे गंभीर और वर्तमान के ज्वलंत मुद्दे पर डा आलोक शर्मा और डॉ पूनम मिश्रा ने बताया कि सेक्सुअल लाइफ के प्रति अनिच्छा के पीछे बड़ा कारण एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी होती है, जो कि आज कल कम उम्र में भी हो रही है,इसमें ड्राइनेस की समस्या का सामना अक्सर महिलाओं में देखा जा रहा है, इसके लिए आवश्यक है पति-पत्नी के बीच इसी तरह का तनाव न रहे और खुलकर बात करें।थोड़े से व्यायाम,एक दूसरे को समय देकर और छोटे से ट्रीटमेंट से यह समस्या दूर हो सकती है।

पब्लिक फोरम सत्र की संयोजिका डॉ. सीमा सिंह, डॉ.चित्रा बंसल, डॉ.अमिता सिंह और डॉ.केया पाराशर ने विषय परिवर्तन करते हुए कहा कि उम्र के साथ शरीर में हो रहे बदलावों को स्वीकार करें। सही डाइट लें,व्यायाम करें,मीनोपॉज के बदलाव महज तीन से चार साल तक की परेशानियां लेकर आते हैं। 

इंडियन मेनोपॉज सोसाइटी की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.पुष्पा सेठी ने उम्र के बदलाव सेहत के साथ विषय पर कहा की स्त्री न केवल घर या परिवार और समाज की धुरी है। उस पर संपूर्ण ब्रह्मांड घूमता है। नारी का सेहतमंद रहना उतना ही जरूरी है जितना कि किसी भी व्यक्ति की रीढ़ की हड्डी सीधा रहना। आमतौर पर महिलाओं को पता नहीं होता की 45-50 वर्ष की उम्र में हो रहे उसकी शरीर के बदलाव आखिर क्यों हो रहे हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करके अपनी परेशानी साझा करें। सही खुराक ले ताकि पाचन क्रिया तंदुरुस्त रहे। महीना बंद होने के बाद मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं और चर्बी बढ़ने लगती है इसलिए योगा मेडिटेशन को अपने जीवन में औषधि की तरह शामिल करें ताकि मानसिक और शारीरिक रूप से आप स्वस्थ रह सकें। स्मोकिंग या शराब का सेवन पूरी तरह त्याग दें।

 इस अवसर पर सोसायटी की चैयरपर्सन डॉ आरती मनोज,सचिव डॉ.रत्ना शर्मा, सहचेयरपर्सन डॉ.रिचा सिंह,डॉ. सुभाषिनी गुप्ता, डॉ.निधि बंसल, सांइटिफिक चैयरपर्सन डॉ.सविता त्यागी, डॉ.शिखा सिंह,कोषाध्यक्ष डॉ.संगीता चतुर्वेदी,डॉ.अमन प्रिया, डॉ.केया, डॉ. भारती, डॉ.प्रियाा, डॉ.अमिता, डॉ.नमिता, डॉ.प्रतिभा दीक्षित, डॉ.अभिलाषा प्रकाश, डॉ.निधि गुप्ता आदि उपस्थित रहीं। 

10 में से 7 महिला यूरिनरी इनकांटीनेंस की शिकार: डॉ.नरेंद्र मल्होत्रा।

आईएमएस कॉन 2023 को संबोधित करते हुए।

डॉ.नरेंद्र मल्होत्रा ने कहां कि 45 वर्ष से ऊपर की महिलाओं में 10 में से 7 को छींकने,खांसने में पेशाब निकल जाने की समस्या रहती है। लेकिन वह झिझक के कारण इसे किसी से भी साझा नहीं करती। यदि सही समय पर व्यायाम करना वह शुरू कर दें, डॉक्टर से परामर्श लेकर इसका इलाज यदि ले लें तो यह समस्या वहीं थम सकती है अन्यथा इस परेशानी के कारण कई अन्य रोगों से वह ग्रसित हो जाती है।

सामान्य बोलचाल के रिश्ते हो रहे कमजोर: डॉ.विशाल सिंह।

अगर वह मुझसे पूछ ले क्या गम है तो फिर जिंदगी में क्या गम है...। पति-पत्नी के बीच के रिश्ते पर आधारित पंक्तियों को कहते हुए डॉ विशाल सिन्हा ने मेरीटियल डिस हार्मोनी पर बोलते हुए कहा कि जिंदगी में एक दूसरे की भावनाओं को समझने की जिम्मेदारी होनी चाहिए। पति-पत्नी के बीच बोलचाल के रिश्ते बहुत कमजोर हो रहे हैं जिसके कारण वैवाहिक जीवन में हारमोंस का डिसबैलेंस बढ़ रहा है।

कम खाने से नहीं होता वजन कम: डॉ. रश्मि चाहर।

पब्लिक फोरम को संबोधित करते हुए डॉ. रश्मि चाहर ने कहा कि ये बहुत बड़ी भ्रांति है कि कम खाने से वजन कम होता है। तनाव मुक्त रहें, खाना न छोड़ें, दिनभर एक्टिव रहें, हरी सब्जी खाएं, खानपान की आदत अपनाकर वजन नियंत्रित करें।

इनका मिला विशेष मार्गदर्शन।

राष्ट्रीय अध्यक्ष पुष्पा सेठी ने एजिंग ग्रेसफुल,डॉ.जयदीप मल्होत्रा ने मीनोपॉज पर स्क्रीनिंग, डॉ.आरती गुप्ता ने बोन हेल्थ,डॉ. रेनू अग्रवाल ने प्लास्टिक के दुष्प्रभाव,डॉ.विशाल सिंह ने मेरिटियल डिस हार्मनी,डॉ.रश्मि चाहर खंडेलवाल ने उचित खानपान विषयों पर पब्लिक फोरम में महिलाओं को जागरुक करने के साथ उनके प्रश्नों के उत्तर रोचकता से दिए। 

सांस्कृतिक संध्या ने किया मंत्रमुग्ध।

कॉन्फ्रेंस समापन सांस्कृतिक संध्या और आध्यात्मिक सत्र के साथ हुआ। लिलिपुट डांस,डांडिया,सहित प्रस्तुतियों ने मंत्रमुग्ध किया।