गर्मी से बेहाल आगरा,पारा 50 के करीब,छात्रों का जीवन दांव पर लगा रहा..डॉ.बीआरए विश्वविद्यालय



प्रशासन के रेड अलर्ट के बावजूद भी विवि कराने जा रहा परीक्षा

हीट वेव को लेकर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की एडवाइजरी को धत्ता बता,30 मई से परीक्षा कराएगा विश्वविद्यालय

संबद्ध कॉलेजों ने सभी जिम्मेदारी विवि प्रशासन पर डाली,सत्र नियमित करने की कवायद में बच्चों की आई शामत

हिन्दुस्तान वार्ता।संजय पाण्डेय

आगरा। यह कैसी विडंबना है कि वर्तमान भीषण गर्मी यानि हीट वेव को लेकर एक तरफ जहां प्रशासन एक जून तक रेड अलर्ट जारी किया है,जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा भी लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है, तो वही इस विकट और जानलेवा हीटवेव के माहौल जहां पारा 50 डिग्री पहुंचने को लालायित हो रहा है,ऐसे में विगत में काफी सुर्खियां बटोर चुका डॉ.भीमराव अंबेडकर विवि ने स्नातक-परास्नातक आदि की परीक्षाओं के लिए समय सारिणी घोषित कर संबद्ध कॉलेजों को भेज दी गई है। यानि इस विकट और जानलेवा गर्मी में आगरा में बच्चों की जान की कीमत पर विवि प्रशासन सत्र नियमित करने की गरज से परीक्षा कराने जा रहा है। 

आगरा के आरबीएस कॉलेज में छात्र-छात्राओं की परीक्षा 30 मई से प्रारंभ होने जा रही हैं। सोमवार को कितने ही बच्चे परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र लेने कॉलेज पहुंचे,इस गर्मी में कई छात्र व छात्राओं की स्थिति असहज दिखी। यही नहीं समाजशास्त्र व मनोविज्ञान जैसे विषयों की प्रायोगिक परीक्षा से संबद्ध मौखिक परीक्षा तथा फाइल जमा भी किया जा रहा था,लेकिन इन शिक्षकों/विभागाध्यक्षों से यह पूछने पर कि इस गर्मी में कोई छात्र"हीट वेव"का शिकार हो जाए या उसके साथ किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न हो जाए तो क्या कॉलेज इस बात की जिम्मेदारी लेगा तो उन्होंने इस मामले को विवि प्रशासन पर डाल दिया। बच्चों को सूचना देने वाले ग्रुप के एडमिन ने बताया कि बच्चों को किसी तरह की कोई सूचना नहीं दी गयी है।एडमिन का कहना था कि हम या कॉलेज इस बारे में कुछ नहीं कर सकते। यह विवि प्रशासन स्तर का ही मामला है। हमारे कई शिक्षक संगठनों ने भी इसका विरोध किया है। 

बता दें कि आरबीएस कॉलेज में स्नातक/परास्नातक की परीक्षाओं की समय सारिणी जो विवि प्रशासन की तरफ से जारी की गई है,उसमें तीन शिफ्टों में परीक्षा होनी है।

 पहली शिफ्ट- सात से नौ बजे तक,दूसरी - 10 से 12 बजे तक तथा तीसरी शिफ्ट 3 से 5 बजे तक की थी, जिसे संशोधित कर अब एक से तीन बजे तक कर दी गई है। हालांकि कॉलेज और विवि प्रशासन ने जनपद के दूरदराज से आने वाले विद्यार्थियों को इस मौसम में राहत के क्या उपाय किए हैं,इसका कोई उल्लेख नहीं है। अब जबकि जनपद के दूर दराज से परीक्षा देने आने वाले विद्यार्थियों को तो घर से समय से पहले निकलना होगा। इस प्रकार पहली शिफ्ट में परीक्षा छूटने के बाद तथा दूसरी और तीसरी शिफ्ट के परीक्षार्थियों के लिए तो जिला प्रशासन का अलर्ट और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की 11 से 3 बजे तक बाहर न निकलने की एडवाइजरी का सरासर उल्लंघन है।

 बहरहाल,विवि प्रशासन 30 मई से परीक्षा कराने जा रहा है, इस दौरान पूरे जनपद से दूर दराज से भी विद्यार्थी परीक्षा देने आएंगे और यदि वो हीट वेव के शिकार बनते हैं या फिर उनके साथ किसी प्रकार की अनहोनी होती है तो निश्चित रूप से विवि प्रशासन और संबन्धित कॉलेज की जिम्मेदारी बनती है। वह भी उस समय जब प्रशासन हीटवेव को लेकर रेड अलर्ट जारी कर चुका हो। यहाँ विचारणीय है कि क्या कुछ अवधि के लिए परीक्षा को नहीं टाला जा सकता? पूर्व में फर्जी प्रमाण पत्रों,अंक पत्र,परीक्षाओं में अनियमितताओं एवं कई प्रकार की भ्रष्टाचार की आंच और जांच से डॉ.अंबेडकर विवि तपता रहा है।

 अब विवि प्रशासन के सत्र को नियमित करने की कवायद क्या सचमुच छात्रों व अभिभावकों के लिए भारी पड़ने जा रही है। छात्रों और अभिभावकों की इन समस्याओं को लेकर न तो विवि प्रशासन गंभीर है और न ही जिला प्रशासन ही इस मामले को संज्ञान ले रहा है।भगवान न करें कुछ किसी के साथ हो लेकिन यदि कुछ ऐसा होता है तो जिला प्रशासन,विवि व संबद्ध कॉलेजों के प्रबंधन के लोग अपनी जिम्मेदारियों से कदापि नहीं बच सकते।निसंदेेह प्रशासन,अन्य विभागों व एजेंसियों के बीच आपसी तालमेल का अभाव भी परिलक्षित कर रहा है। अब जनहित और आमहित में तो यहीं होना चाहिए कि मौसम की बेरूखी शांत होने तक,परीक्षा कार्यक्रम को कुछ दिनों के लिए स्थगित कर देना बेहतर होगा।