शारदा विश्वविद्यालय आगरा द्वारा महाकुंभ 2025 क्विज एवं शारदा महाकुंभ एजुकेशनल वॉक का आयोजन




हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा : शारदा विश्वविद्यालय आगरा द्वारा राव कृष्णपाल सिंह सभागार आगरा में महाकुंभ 2025 क्विज एवं शारदा महाकुंभ एजुकेशनल वॉक का आयोजन किया गया। 

प्रोग्राम का उद्घाटन मुख्य अतिथि अजय कुमार सिंह ए.डी.एम एस्टेब्लिशमेंट आगरा,विशिष्ट अतिथि शुभम सक्सेना, जिला परियोजना अधिकारी नमामि गंगे प्रोजेक्ट आगरा,डॉ.लवकुश मिश्रा टूरिज्म विभाग डॉ.बी.आर अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा और शारदा विश्वविद्यालय आगरा की कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) जयंती रंजन ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया। एडीएम एस्टेब्लिशमेंट अजय कुमार सिंह ने रिमोट दबाकर महाकुंभ 2025 क्विज का उद्घाटन किया। कुलपति ने सभी को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शारदा यूनिवर्सिटी आगरा,भारत की अग्रणी विश्वविद्यालयों में से एक तथा आगरा का उत्तम संस्थान है,जिसे शोध और शिक्षण में उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है। अपनी उत्कृष्ट फैकल्टी,विश्व स्तरीय शिक्षण मानकों और नवाचारी शैक्षिक कार्यक्रमों के साथ,यह भारतीय शिक्षा प्रणाली में नई ऊंचाइयाँ को छू रही है। उत्तर प्रदेश सरकार से स्वीकृत,शारदा यूनिवर्सिटी आगरा-मथुरा क्षेत्र का एकमात्र बहु-शैक्षणिक परिसर है। यह 50+ एकड़ में फैला है और विश्व स्तरीय सुविधाओं से सुसज्जित है।

शारदा समूह की पहल के रूप में यह विश्वविद्यालय,गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और समग्र शिक्षा के माध्यम से छात्रों में प्रतिस्पर्धात्मक क्षमताओं का विकास करने के लिए जाना जाता है। शारदा यूनिवर्सिटी आगरा,की अनूठी पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत,शारदा यूनिवर्सिटी आगरा,ने महाकुंभ से प्रेरित निम्नलिखित कार्यक्रमों की पहल की है :

 कुंभ स्थलों की यात्रा :

छात्रों,शिक्षकों को पवित्र स्थलों पर ले जाकर मेले की भव्यता का अनुभव कराना।

सांस्कृतिक गतिविधियाँ :

सांस्कृतिक प्रस्तुतियां,वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी और निबंध लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित करना।

कार्यशालाएं और संगोष्ठियां :

ऐतिहासिक,आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विशेषज्ञों से महाकुंभ की परंपराओं को जानने का अवसर प्रदान करना।

शोध के माध्यम से जागरुकता :

महाकुंभ के दौरान पारिस्थितिकी और जल की दिव्यता के प्रभाव का वैज्ञानिक दृष्टि से अध्ययन करना।

कुलपति ने कहा महाकुंभ के वैभव को जाने,दुनिया के सबसे विस्मयकारी आयोजनों में से एक महाकुंभ मेंले में लाखों लोगों द्वारा पोषित एक पवित्र सभा, यह आस्था,संस्कृति और मानवता का एक शाश्वत संगम है,जो भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत की गहराई को प्रदर्शित करता है।

महाकुंभ की विशेषताएं :

1. पवित्र स्रान (स्रान):

शुभ समय पर पवित्र नदी में स्रान करने से आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति होती है।

2. अखाड़े और साधु-संतों की उपस्थिति :

नागा साधु,अघोरी और अन्य मनीषियों के प्रवचन और अनूठी विधियां।

3. धार्मिक और सांस्कृतिक जुलूसः

भव्य झांकियां, झंडे, रथ और भक्ति संगीत उत्सव की शोभा बढ़ाते हैं।

4. आध्यात्मिक और वैज्ञानिक जागरूकता :

प्राचीन ज्ञान और आधुनिक विज्ञान का संगम।

महाकुंभ मेला का महत्व :

महाकुंभ मेला हर 12 वर्षों में एक बार भारत के चार पविल स्थलों पर आयोजित किया जाता है :

 प्रयागराज (गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती का संगम)

 हरिद्वार (पवित्न गंगा नदी के किनारे)

 उज्जैन (क्षिप्रा नदी के तट पर)

 नासिक (गोदावरी नदी के किनारे)

महाकुंभ,भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक जीवन का अभिन्न हिस्सा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान अमृत की कुछ बूंदें इन स्थलों पर गिरीं, जिससे ये स्थान पवित्र हो गए। इस आयोजन का उद्देश्य आत्मशुद्धि और मोक्ष प्राप्त करना है। विशिष्ट अतिथि जिला परियोजना अधिकारी नमामि गंगे प्रोजेक्ट गंगाजल गंगाजल में महाकुंभ के दौरान गंगाजल में औषधीय गुण बढ़ जाते है जिसमें समस्त रोगों का नाश होता है और पापों से मुक्ति मिलती है। विशिष्ट स्थिति डॉ. लवकुश मिश्रा ने गुरुकुल पद्धति के आधार पर दी गई शिक्षा के महत्व को बताया और कहां कि पहले के ऋषि मुनि तपोवल एवं योग के आधार पर सैकड़ो वर्ष तक जिंदा रहते थे। सभी मौसमों में वह एक समान कपड़े पहनते थे मौसम का कोई भी प्रभाव उनके ऊपर नहीं होता था जबकि आजकल हमें मौसम परिवर्तित होने पर पर काफी दिक्कत एवं परेशानी होती है। यह वह शक्तियां थी जो हमें प्रकृति ने प्रदान की जिन्हें आज हम समझना नहीं चाहते हैं। मुख्य अतिथि ने शारदा विश्वविद्यालय का आभार व्यक्त करते हुए कहा महाकुंभ मेला 2025 विरासत को पुनर्जीवित करने के लिए और पीढ़ियों को सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण अवसर है।महाकुंभ मेला तीर्थयात्रियों के लिए खुद को पापों से मुक्त करने,पुनर्जन्म के चक्र को तोड़ने,आध्यात्मिक मुक्ति प्राप्त करने का,आंतरिक चिंतन और परमात्मा के साथ गहरे संबंध का भी समय है। शारदा विश्वविद्यालय आगरा के विद्यार्थियों ने शिव तांडव नृत्य,भक्ति गीत,नुक्कड़ नाटक और महाकुंभ एजुकेशनल  वॉक करके सभी को महाकुंभ के लिए जागरूक किया।

इस पावन अवसर विश्वविद्यालय के समस्त डीन,डायरेक्टर्स,विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर्स विद्यार्थीगण एवं स्टाफ उपस्थित रहे। इस उपलब्धि पर शारदा विश्वविद्यालय आगरा के कुलाधिपति पी. के.गुप्ता और उप कुलाधिपति वाई. के. गुप्ता ने बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित कीं।