कारगिल योद्धा : ब्रिगेडियर विनोद दत्ता



हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

कारगिल एक ऐसा युद्धा था जिसमें भारतीय सेना ने एक ऐसे रण कौशल का परिचय दिया,जो काबिले तारीफ था। इस युद्ध में यंग लीडरशिप का बड़ा योगदान था।

ब्रिगेडियर विनोद दत्ता ने उस समय की याद करते हुए बताया कि ये युद्ध 4 May 1999 को शुरु हुआ था। हालाँकि पाकिस्तान की तैयारी काफी अच्छी थी,लेकिन उनका नेतृत्व बहुत खराब था। मुझे इस युद्ध में भाग लेने का मौका मिला और ये मेरे लिए गर्व,गौरव व सम्मान की बात है। मैं उस समय मेजर के रैंक पर तैनात था और ये ऑपरेशन केवल भारत की सेना के अदम्य साहस का परिचायक था। ये युद्ध हमारे वीर जवान ,Jco's और कुशल रण कौशल की वजह से जीता गया। इस युद्ध में मैं और मेरे पिता मेजर जनरल पी.दत्त साहब ने दोनों ने भाग लिया। ऐसी मिशाल कहीं और नहीं देखी जाती। 

जय हिन्द... 👍

प्रस्तुति - असलम सलीमी