धर्मांतरण पर पंजाबी विरासत का प्रचंड आक्रोश,हुई अहम बैठक



हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा। देशभर में सुनियोजित तरीकों से हो रहे धर्मांतरण के मामलों को लेकर पंजाबी विरासत परिवार (पंजाबी,सिख, खत्री,बहावलपुरी एवं मुल्तानी समाज) में भारी आक्रोश व्याप्त है। समाज ने ऐसे षड्यंत्रों की कड़ी निंदा करते हुए स्पष्ट किया है कि लोभ,लालच,दबाव और जादू-टोना जैसे घिनौने हथकंडों से बेटियों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करना पूरी सभ्यता पर हमला है।

समाज ने पुलिस प्रशासन की तत्परता की सराहना की है,जिसने समय पर संज्ञान लेकर देश के कई शहरों में दबिश दी और समाज की दो बेटियों को मुक्त कराकर एक मिसाल पेश की।

पंजाबी विरासत परिवार ने इसके लिए प्रशासन का आभार प्रकट करते हुए अपेक्षा की है कि इसी प्रकार की सजगता और कार्रवाई से ही इस प्रकार के षड्यंत्रों पर अंकुश लगाया जा सकता है।

इन्हीं चिंताओं और घटनाओं पर गहन विचार के लिए पंजाबी विरासत परिवार की एक बृहद बैठक (रविवार) को शाम 4 बजे पंजाब भवन (ग्रैंड होटल के पास),आगरा कैंट में आयोजित हुई।

बैठक पंजाबी विरासत परिवार के अध्यक्ष पूरन डावर एवं संत बाबा प्रीतम सिंह की सरपरस्ती में संपन्न हुई। अध्यक्ष पूरन डावर ने वक्ताओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि वक्ताओं द्वारा जो ओजस्वी भाषण दिए गए हैं,उनसे मैं अभिभूत हूँ,एवं वक्ता के रूप में खुद को बौना महसूस कर रहा हूँ। उन्होंने आगे कहा कि हम सभी को बच्चों को अच्छे संस्कार एवं अच्छी शिक्षा देने पर विशेष ध्यान देना होगा एवं संगठित होकर इस तरह के दुष्ट षड्यंत्रकारियों,धर्मांतरण कराने वालों का मुंहतोड़ जबाव देना होगा। श्री डावर ने धर्म-संस्कृति,सामाजिक समरसता आदि पर विस्तृत विचार व्यक्त किए।

परिवार के महामंत्री बंटी ग्रोवर और मीडिया समन्वयक भूपेश कालरा ने बताया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य इन षड्यंत्रकारी गतिविधियों के विरुद्ध समाज को जागरूक करना,एकजुट करना और सकारात्मक कदमों पर विचार करना है। उन्होंने बताया कि कुछ संगठनों द्वारा योजनाबद्ध तरीके से समाज की बेटियों को निशाना बनाकर धर्मांतरण हेतु फंसाया जा रहा है,जो समाज की धार्मिक और सांस्कृतिक एकता पर सीधा आघात है।

पंजाबी विरासत परिवार के कार्यकारी अध्यक्ष अनिल वर्मा,संरक्षक चरणजीत थापर,नरेंद्र तनेजा,चंद्र मोहन सचदेवा, वीर महेंद्र पाल सिंह, मनमोहन निरंकारी, रानी सिंह तथा श्री गुरु सिंह सभा माईथान के प्रधान सरदार कंवल दीप सिंह ने समाज के सभी वर्गों से अपील की है कि सब अपने अपने बच्चों को अपनी संस्कृति,सभ्यता से अवगत कराएं और ऐसे षड्यंत्रकारियों के षड्यंत्र के जाल में नहीं फंसना है। इस बारे में बताएं और समाजहित में सक्रिय भागीदारी निभाएं।

पंजाब भवन में आज जहां देखो वहां सिर ही सिर नजर आ रहे थे ऐसा लग रहा था कि पूरा समाज एकजुट हो गया है। वहीं सर्व समाज से भी कई लोगों ने यहां भाग लिया।

मंचासीन अतिथियों में गुरुद्वारा गुरु के ताल के मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह संरक्षक चरणजीत थापर,वीर महेंद्र पाल सिंह,अध्यक्ष पूरन डाबर,कार्यकारी अध्यक्ष अनिल वर्मा, महामंत्री बंटी ग्रोवर, किशोर खन्ना,भूपेश कालरा,श्रीमती मधु बघेल, रानी सिंह व अन्य सभी गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

 इस इस बैठक के दौरान कई प्रस्ताव पास हुए,जिसके अंतर्गत अभिभावकों द्वारा बच्चों को समय देना और उनसे संवाद कायम करना,धर्मांतरण कानून को और सशक्त किया जाए। जनसंख्या नियंत्रण कानून को लागू किया जाए। अन्य बोर्डो की तरह ही सनातन बोर्ड की स्थापना की जाए। बच्चों को शास्त्र व शास्त्र दोनों की शिक्षाएं दीं जाएं।

 स्कूलों में हमारी भारतीय संस्कृति के अनुरूप वेशभूषा धारण करवाई जाए। स्कर्ट संस्कृति के सभी विरोध में दिखे, बच्चों को अपने-अपने धार्मिक स्थान जैसे मंदिर,गुरुद्वारों के लिए जाने की परंपरा फिर से शुरू की जाए। पुरुषों को तिलक व जनेऊ के बारे में बताया गया। वहीं आगरा में विरासत द्वारा एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने की भी बात जोर-शोर से उठी।

 वक्ताओं में कार्यकारी अध्यक्ष अनिल वर्मा ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को धोखे से प्रलोभन देकर या धमकी देकर,दूसरे धर्म में धर्मांतरण करना, एक कानूनी अपराध है, इसमें कठोर सजा  का भी प्रावधान है। डॉक्टर तरुण शर्मा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हमें उन गुरुओं का बलिदान याद रखना चाहिए,जिन्होंने अधर्म को नहीं स्वीकार किया। धर्म की खातिर अपने पूरा परिवार तक कुर्बान कर दिया,वहीं आर्य समाज के प्रधान वीरेंद्र कंवर ने अपनी बातों से कुठाराघात करते हुए बताया कि हमें अपने बच्चों पर और उनकी शिक्षा पर संस्कारों पर बल देना होगा,पीढ़ी को बताना होगा कि किस प्रकार बलिदानों से हमारा धर्म बना है,वहीं गुरुद्वारा के भाई अमरीक सिंह ने बताया कि आज हमारी पीढ़ी अपने धर्म ग्रंथो शास्त्रों का अध्ययन नहीं करती,हम अपने बच्चों को समय नहीं देते जब हम उनमें संस्कार ही नहीं डालेंगे तो उनको कैसे पता चलेगा,हमारे इतिहास के बारे में।

नरेंद्र तनेजा, गुरमीत सेठी,दीपक ढल,दलजीत  सेठिया ,रंजीत सामा, राज सेठ कपूर, ज्ञानी कुलविंदर सिंह,रवि नारायण, जगदीश बत्रा,अमित खत्री, राजकुमार घई,मोनिका सचदेवा, राणा रणजीत सिंह,रमेश खन्ना,अजय हिंदुस्तानी, मुल्तान समाज से यशपाल जोगिया, खत्री समाज से अमित खत्री, विकास कक्कर, आरके टंडन, नितिन मेहरा, बहावलपुर समाज से भद्रसेन वाधवा,श्याम जगिया, सुधीर जगिया व अन्य सभी ने इसी तरह के विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर मीडिया समन्वयक भूपेश कालरा,सुनंदा अरोरा,मोनिका सचदेवा,कुसुम महाजन,अंजना असीजा,मन्नू महाजन आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।